Bihar News: मधेपुरा का करनदीप यादव निकला इस बड़े आतंकी संगठन का कट्टर आतंकी, तीन दिन से गांव में ही पड़ा था, अचानक बाहर की पुलिस पहुंची...

Bihar News: बिहार के मधेपुरा से पुलिस ने बड़े आतंकी संगठन के कट्टर आतंकी तो उसके दो दोस्तों के साथ गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। परिजनों का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

Karandeep Yadav
Karandeep Yadav member of the Khalistan terror arrested - फोटो : social media

Bihar News: बिहार के मधेपुरा में पंजाब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने मधेपुरा से एक बड़े आतंकी संगठन के कट्टर आतंकी को गिरफ्तार किया है। आतंकी की गिरफ्तारी होली के दिन हुई है। आतंकी उस वक्त अपने घर में सो रहा था तभी पंजाब पुलिस पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के गुर्गे करणदीप यादव को होली के दिन मधेपुरा जिले के कुमारखंड थाना क्षेत्र से दो साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के बाद मधेपुरा और सुपौल जिले में हड़कंप मच गया है।

गांव में रहकर भी किसी से नहीं था संपर्क

पंजाब पुलिस के अनुसार, करणदीप नाकों टेरर मॉड्यूल का अहम सदस्य था। वह मूल रूप से सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड के भट्‌ट्टाबारी वार्ड-8 का निवासी है। गिरफ्तारी से दो दिन पहले वह अपने मामा के घर कुमारखंड थाना क्षेत्र में छिपा हुआ था। शुक्रवार को पुलिस ने उसे वहीं से गिरफ्तार किया। परिजनों के मुताबिक, गिरफ्तारी से पहले करणदीप अपने पैतृक गांव भट्‌ट्टाबारी भी गया था। जहां वह तीन दिन और दो रात रुका था। गांव से निकलते समय उसने परिजनों से कहा था कि वह सीधे पंजाब जाएगा।

पंजाबी भाषा में करता था बातचीत

गांव में रहने के दौरान करणदीप पंजाबी भाषा में ही बातचीत करता था। जिससे परिवार को उसकी बात पूरी तरह समझ में नहीं आती थी। करीब 60 घंटे गांव में रहने के बावजूद वह बहुत कम बाहर निकला। ग्रामीणों का कहना है कि करणदीप बहुत लंबे समय बाद गांव आया था और किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता था। वहीं, उसके पिता मनोज यादव उर्फ मन्नू भी वर्षों से पंजाब में रह रहे हैं और गांव से उनका ज्यादा संपर्क नहीं है।

गिरफ्तारी के दौरान बरामद हुए मोबाइल और नेपाली करेंसी

गिरफ्तारी के दौरान पंजाब पुलिस ने दो मोबाइल फोन और नेपाली करेंसी जब्त की है। हालांकि, दोनों मोबाइल का डाटा वॉश किया गया था। पुलिस ने इन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है और डेटा रिकवर करने की कोशिश की जा रही है। करणदीप की दादी कौशल्या देवी का कहना है कि उन्हें पोते की गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया,"मन्नू तो शादी के बाद से ही बाहर रहता है। बाकी तीन बेटे आते-जाते रहते हैं, लेकिन मन्नू अपने परिवार के साथ पंजाब में ही बस गया है। करणदीप कई सालों बाद घर आया था, लेकिन वह सिर्फ खाने और सोने के समय ही कुछ बोलता था, बाकी समय पंजाबी में ही बात करता था, जो हमें समझ नहीं आती थी।"

बिल्डर पिता, मगर गांव में अब भी फूस का घर

करणदीप के पिता मनोज यादव अमृतसर में मकान बिल्डर के रूप में काम करते हैं, जबकि पंजाब पुलिस के अनुसार, करणदीप शटरिंग के काम की आड़ में आतंकी गतिविधियों में शामिल था। वहीं मनोज का पैतृक घर अभी भी फूस का है, जहां उनकी मां और अन्य परिजन रहते हैं। परिवार का कहना है कि हम अब भी मुफलिसी में जी रहे हैं, हमें नहीं पता था कि हमारे परिवार का कोई सदस्य आतंक से जुड़ा हुआ है।

गांववालों में मचा हड़कंप 

गांववालों के अनुसार, करणदीप के पिता मनोज यादव (मन्नू) चार भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं। वह शादी समारोह या किसी खास मौके पर कभी-कभार ही गांव आते थे। ग्रामीणों का कहना है कि मनोज सीधा-साधा इंसान था, लेकिन करणदीप के बारे में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं थी। करणदीप की गिरफ्तारी के बाद गांव के लोग अभिभूत और स्तब्ध हैं। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि वह किन आतंकियों के संपर्क में था और उसकी गतिविधियां किस हद तक खतरनाक थीं।

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