pornographic videos: AI से बनाए गए गंदे वीडियो और ब्लैकमेलिंग ने छीनी ज़िंदगी, ‘मां मुझे माफ़ कर देना’ लिख छोड़ा दर्दनाक वीडियो
pornographic videos:वीडियो में लड़की रोते हुए कह रही है कि “मुझसे गलती हो गई… मुझे ब्लैकमेल किया जा रहा है… अब और सहन नहीं कर सकती… मां माफ करना।”
pornographic videos: साइबर अपराध और ब्लैकमेलिंग की शिकार एक और मासूम ज़िंदगी ने दम तोड़ दिया। यूपी के गोरखपुर जिले में 22 वर्षीय युवती ने अश्लील फोटो-वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह की धमकियों से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने अपनी मां के मोबाइल पर एक वॉयस मैसेज भेजा और खुद के मोबाइल में एक वीडियो रिकॉर्ड किया। इस वीडियो में वह रोते हुए कह रही है कि “मुझसे गलती हो गई… मुझे ब्लैकमेल किया जा रहा है… अब और सहन नहीं कर सकती… मां माफ करना।”
14 अगस्त की शाम गोला थाना क्षेत्र में रहने वाली यह युवती घर में अकेली थी। उसकी मां कस्बे में छोटी सी दुकान चलाकर घर लौटीं, तो देखा कि बेटी फंदे से लटक रही है। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग दौड़े और पुलिस को सूचना दी गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और 15 अगस्त की रात अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पोस्टमार्टम के बाद जब परिजनों ने युवती का मोबाइल खंगाला, तो ब्लैकमेलिंग का पूरा काला सच सामने आया।युवती के मोबाइल में कई ऑडियो रिकॉर्डिंग मिलीं, जिनमें जालसाज उसे पैसों के लिए धमका रहे थे।आधे घंटे में पैसे न भेजने पर उसका अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की चेतावनी दी जा रही थी।युवती गिड़गिड़ाकर वक्त मांग रही थी, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली।
उसकी सहेली ने बताया कि युवती के मोबाइल पर AI से बनाए गए अश्लील फोटो भेजे गए थे। भय और अपमान के डर से युवती ने अब तक लगभग 60 हज़ार रुपये जालसाजों को दे दिए थे।
युवती की मौत के बाद भी उसके मोबाइल पर लगातार व्हाट्सएप कॉल आते रहे। परिवार के किसी सदस्य ने कॉल उठाया तो जालसाज ने फिर धमकी दी। जब उन्हें बताया गया कि युवती ने आत्महत्या कर ली है, तो फोन काट दिया गया।
युवती के बड़े भाई ने पुलिस चौकी में तहरीर दी और स्पष्ट कहा कि बहन साइबर जालसाजों का शिकार हुई थी। उसके मोबाइल से सभी साक्ष्य मिले हैं। गोला थाना प्रभारी अंजुल चतुर्वेदी ने कहा कि “मामले की जांच की जा रही है, मोबाइल से मिले डेटा के आधार पर कार्रवाई होगी।” वहीं एसएसपी राजकरन नैय्यर ने भी कहा कि “तथ्य जांच के बाद ही स्पष्ट होंगे।”
यह घटना आधुनिक समय के उस डिजिटल अंधेरे का चेहरा है, जहां आभासी दुनिया के पीछे छिपे अपराधी मासूम ज़िंदगियों को अपने शिकंजे में जकड़ लेते हैं। शर्म, भय और समाज के डर से पीड़ित की आवाज़ दब जाती है, और परिणाम होता है एक और अधूरी कहानी, एक और टूटा हुआ घर।
सवाल यही है कि तकनीक की इस बेमिसाल ताकत के बीच हम अपने बच्चों और युवाओं को कितना सुरक्षित रख पा रहे हैं? कब तक ऐसे मासूम चेहरे “साइबर ठगों की दरिंदगी” के आगे अपनी जान गंवाते रहेंगे?