Bihar Crime: बिहार में फिर हत्या, छात्र के मर्डर से मचा हड़कंप, कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल

Bihar Crime: बिहार में अपराध का नंगा नाच थमने का नाम नहीं ले रहा। गोलियों की गड़गड़ाहट अब मानो रोज़मर्रा का शोर बन चुकी है।...

बिहार में फिर हत्या- फोटो : reporter

Bihar Crime: बिहार में अपराध का नंगा नाच थमने का नाम नहीं ले रहा। गोलियों की गड़गड़ाहट अब मानो रोज़मर्रा का शोर बन चुकी है। ताज़ा मामला वैशाली जिले के जंदाहा प्रखंड क्षेत्र के मरई गांव का है, जहां शुक्रवार देर रात अज्ञात अपराधियों ने 22 वर्षीय छात्र शिवम कुमार को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।

कैसे हुई वारदात?

परिजनों के मुताबिक, रात में शिवम को एक अज्ञात कॉल आया। फोन आने के बाद वह अपनी बाइक से घर से निकला ही था कि महज़ 200 मीटर की दूरी पर घात लगाए बैठे अपराधियों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोली उसके सिर और पैर में लगी। सिर में गोली लगते ही शिवम ज़मीन पर गिर पड़ा और वहीं दम तोड़ दिया।

गोली की आवाज़ सुनते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। लोग घटनास्थल की ओर दौड़े तो देखा कि शिवम खून से लथपथ पड़ा था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल भेज दिया।

निर्दोष छात्र क्यों बना निशाना?

मृतक के दादा का कहना है कि शिवम का किसी से कोई झगड़ा या दुश्मनी नहीं थी। वह एक सामान्य छात्र की तरह पढ़ाई कर रहा था और इन दिनों घर पर ही रहता था। परिवार अब तक इस सवाल से जूझ रहा है—“आख़िर किसने और क्यों की ये बेरहम वारदात?” पुलिस शुरुआती जांच में व्यक्तिगत रंजिश की आशंका जता रही है।

बिहार में अपराध का बढ़ता ग्राफ

वैशाली की यह वारदात कोई इकलौती घटना नहीं। बीते हफ़्ते ही पटना सिटी के चौक थाना क्षेत्र में मोहल्ले में टहल रहे एक युवक की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई थी। उससे पहले कुचायकोट में शराब तस्करों ने एक होमगार्ड जवान को गोली मार दी थी। राजधानी पटना समेत आसपास के जिलों में आए दिन होने वाली हत्याएं अब सुरक्षा व्यवस्था पर करारा तमाचा हैं।

बिहार में हर गोलीकांड के बाद पुलिस वही पुराना राग अलापती है“जांच जारी है”। पर असल सवाल यह है कि आखिर कब तक निर्दोष युवाओं की लाशें राजनीति और कानून-व्यवस्था की नाकामी का बोझ ढोएंगी?

आज बिहार में हालात ऐसे हैं कि माता-पिता बच्चों को बाहर भेजने से पहले दहशत में जीते हैं। अपराधियों के ट्रिगर दबाने से पहले अब किसी की उम्र, किसी का भविष्य, किसी का परिवार मायने नहीं रखता। और पुलिस? वह हर बार की तरह घटना के बाद “गुत्थी सुलझाने” में जुट जाती है।