दर्दनाक: बिहार में झकझोरने वाला हादसा,पति पत्नी और दो बेटे एक साथ खत्म, बुजुर्ग माता-पिता की देख भाल करने वाला भी कोई नहीं बचा, इलाका मर्माहत
बेटे-बहू और पोतों को हंसते मुस्कुराते माता-पिता ने कुछ घंटे बाद फिर से मिलने का वादा कर विदा किया था. लेकिन दर्दनाक हादसे ने बुजुर्ग माता-माता को जीवन का सबसे बड़ा गम दे दिया जब उनके सामने बेटे-बहू और दो दो पोतों का शव आ पड़ा.

Gaya Road Accident : बिहार के गया में हुआ एक सड़क हादसा पूरे परिवार को उजाड़ गया. एक स्कॉर्पियो के अनियंत्रित होकर तालाब में गिर जाने से एक ही परिवार के चार लोग पति-पत्नी और उनके दो बेटों की इस दर्दनाक हादसे में मौत हो गई. इस दर्दनाक हादसे के बाद, परिवार में केवल माता-पिता ही जीवित बच पाए हैं.इस भयानक त्रासदी ने परिवार को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया. जो परिवार कुछ घंटे पहले ही खुशी-खुशी जीवन जी रहा था अचानक से दुखों के पहाड़ से दब गया. बेटे और बहू के साथ ही दो-दो पोतों की असमय मौत ने बूढ़े माता-पिता के जीवन को अंधेरे में डुबो दिया है.
खिजरसराय थाना क्षेत्र के शाहबाजपुर गांव के शशिकांत शर्मा 43 वर्ष उनकी पत्नी रिंकी देवी 40 वर्ष बड़े पुत्र सुमित आनंद 17 वर्ष और छोटे पुत्र बालकृष्ण 5 वर्ष स्कॉर्पियो से सफर कर रहे थे. शशिकांत अपने दोस्त की मां के श्राद्धकर्म में शामिल होने के बाद बिहार शरीफ से अपने घर रात में ही लौट रहे थे. इसी दौरान उक्त घटना वजीरगंज थाना क्षेत्र के दखिनगांव गांव के पास हुई. इस घटना में स्कॉर्पियो ड्राइवर भी सिंटू कुमार गम्भीर रूप से घायल है जिसका इलाज मगध मेडिकल अस्पताल गया के किया जा रहा है .
दर्दनाक हादसे ने उड़ाया होश
घटना के प्रत्यक्षदर्शी दखिनगांव के एक होटल संचालक कलेन्द्र कुमार ने बताया कि रात को बारह बजे वे अपना होटल बंद कर घर की ओर जा रहे थे. इसी दौरान तालाब के पास से 'बचाओ बचाओ' की आवाज सुनाई दी तो देखा कि स्कॉर्पियो के बोनट पर एक व्यक्ति बचाने के लिए गुहार लगा रहा है. उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस को तुरंत जानकारी दी. बाद में स्कॉर्पियो को तालाब से जेसीबी के मदद से बाहर निकाला गया तो देखा गया कि स्कॉर्पियो में बैठे चार लोगों की मौत दम घुटने से हो चुकी थी. वहीं ड्राइवर घायल घायल अवस्था में था जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.
आंसू और शून्यता की गहरी खाई
मृतकों की पहचान होने पर परिवार और गांव में कोहराम मचा गया. मृतक शशिकांत के परिवार में केवल उसके बुजुर्ग माता-पिता ही बचे हैं. बेटा-बहू और पोतों के निधन की खबर सुनते ही रोते रोते माता की तबियत बिगड़ गई और पिता रामविनय शर्मा कुछ भी बोलने असमर्थ है. उनकी आँखों में आशाओं और सपनों का जो बेटे का भरा-पूरा संसार था वह अब केवल आंसू और शून्यता की गहरी खाई है. बेटा, जो उनका सहारा था, अब उन्हें छोड़कर चला गया. बहू, जो घर की रौनक थी, वह भी अब उनकी जिंदगी से हमेशा के लिए अलविदा ले चुकी है. पोतों को याद करते दादा-दादी की आंखें पथरा गई हैं.
परिवार ने किया पोस्टमार्टम से मना
हादसे ने परिवार को इस कदर तोड़ दिया कि उन्होंने घटना के बाद पोस्टमार्टम कराने से भी मना कर दिया. मृतक के परिजनों ने पुलिस से अनुरोध किया कि अब पोस्टमार्टम से क्या फायदा, यहां तो पूरा परिवार ही उजड़ गया है. दर्द और शोक की घड़ी में उन्होंने चारों शवों को सौपने का अनुरोध किया. पुलिस ने भी पंचनामा के बाद सभी शव परिवार वालों को दे दिया. वहीं इस कठिन समय में माता-पिता के साथ प्रखंड के लोगो में भी मायूसी छा गया है और गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है.