वैशाली के बाद जमुई में पुलिस पर लाठी-डंडों से हमला, जमकर बरसाए लाठी-डंडे, कई जवान घायल, गांव में डुगडुगी बजाकर थाने का घेराव

Bihar crime: वैशाली के बाद जमुई में लोगों ने खाकी पर हमला कर दिया है। जमुई में थाना प्रभारी के नेतृत्व में जब पुलिस टीम गांव में दाखिल हुई तो माफियाओं और उनके समर्थकों ने लाठी-डंडों से पुलिस पर टूट पड़ने में देर नहीं की।...

जमुई में पुलिस पर लाठी-डंडों से हमला- फोटो : reporter

Bihar crime: वैशाली के बाद जमुई में लोगों ने खाकी पर हमला कर दिया है। वैशाली में थानेदार समेत 4 पुलिसकर्मी घायल हो गए तो जमुई में तस्करों ने कई जवानों को घायल कर दिया मामला शराब से जुड़ा है। बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून सिर्फ कागजों पर सख्त दिखती है, लेकिन जमीनी हकीकत हर दिन इसका मजाक उड़ाती है। शराब के काले धंधे का जाल इतना मजबूत है कि पुलिस भी जब इसे तोड़ने निकलती है तो उसे जान पर बन आती है। ताजा मामला जमुई जिले के बरहट थाना क्षेत्र के कद्दुआ तरी गांव का है, जहां शुक्रवार को शराब बनाने और बेचने की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने अचानक हमला बोल दिया।

थाना प्रभारी के नेतृत्व में जब पुलिस टीम गांव में दाखिल हुई तो पहले से तैयार बैठे शराब माफियाओं और उनके समर्थकों ने लाठी-डंडों से पुलिस पर टूट पड़ने में देर नहीं की। पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। यही नहीं, हमलावरों ने हथियार छीनने तक की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने किसी तरह खुद को बचाया और स्थिति को संभालने की कोशिश की। इस खौफनाक हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें पुलिसकर्मी जान बचाकर भागते नजर आते हैं। वीडियो की पुष्टि न्यूज4नेशन नहीं करता है।

घटना यहीं नहीं थमी। शनिवार को ग्रामीण डुगडुगी बजाते हुए थाने पहुंच गए और पुलिस कार्रवाई के विरोध में जमकर हंगामा किया। शराब के धंधे को ढाल बनाकर कानून की आंखों में धूल झोंकने का यह दुस्साहस न सिर्फ सनसनीखेज है, बल्कि शराबबंदी पर गहरे सवाल भी खड़े करता है। आखिर जब प्रदेश में शराब पूरी तरह प्रतिबंधित है तो गांव-गांव में इसका उत्पादन और बिक्री कैसे हो रही है?

पुलिस ने मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य की पहचान की जा रही है। बावजूद इसके, यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरे का संकेत है। ठीक कुछ दिनों पहले ही झाझा थाना पुलिस पर हमला हुआ था और अब यह वारदात, यह साफ करती है कि शराब माफिया बेखौफ हैं और उन्हें पुलिस-प्रशासन का कोई डर नहीं है।

जमुई ही नहीं, पूरे बिहार में शराब और बालू माफिया आए दिन पुलिस को निशाना बना रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या शराबबंदी कानून सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी का औजार बनकर रह गया है? जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं, तो शराब के काले धंधे के खिलाफ जंग जीतना नामुमकिन लगता है।

यह घटना सिर्फ एक गांव या जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे बिहार में फैले शराब माफियाओं के नेटवर्क और उनकी बेखौफ गुंडागर्दी का आईना है। बिहार की शराबबंदी कानून की यह असलियत लोगों को झकझोरने वाली है।

रिपोर्ट- सुमित कुमार