Bihar Police Attack: महागठबंधन की करारी हार के बीच पुलिस पर हमला! गाड़ी फूंकी, 3 पुलिसकर्मी घायल, काउंटिंग के दौरान बवाल

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बीच ऐसा सियासी बवाल खड़ा हुआ कि पूरा माहौल अशांत, तनावपूर्ण और विस्फोटक बन गया।

kaimur Police Attacked- फोटो : social Media

Bihar Police Attack:  बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने जहाँ एक ओर एनडीए को प्रचंड बहुमत दिलाकर सत्ता के मार्ग को सुगम किया, वहीं दूसरी ओर कैमूर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर ऐसा सियासी बवाल खड़ा हुआ कि पूरा माहौल अशांत, तनावपूर्ण और विस्फोटक बन गया। चुनावी लोकतंत्र के इस पवित्र पर्व पर उपद्रव का यह दृश्य राजनीति में गिर रहे तापमान और बढ़ते अविश्वास की तस्वीर साफ़ कर गया।

मतगणना के अंतिम चरण में देरी होते ही बसपा समर्थकों का आक्रोश फूट पड़ा। आरोप लगाया गया कि गिनती में गड़बड़ी हो रही है, वोटों की चोरी की जा रही है और अंतिम राउंड की घोषणा में जानबूझकर देर की जा रही है। धीरे-धीरे यह आक्रोश उपद्रव में बदल गया धरना, नारेबाज़ी और फिर पथराव ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर कर दिया।

लाठीचार्ज हुआ, भीड़ उग्र हो गई और देखते ही देखते प्रशासनिक महकमे के अधिकारियों की स्कॉर्पियो गाड़ी धू-धू कर जल उठी। मतगणना केंद्र के बाहर अफरा-तफरी, चीख-पुकार और भगदड़ ने पूरे इलाके को युद्धभूमि में बदल दिया।दरअसल, रामगढ़ का चुनाव शुरू से ही कांटे का मुकाबला था। 18वें राउंड तक बसपा के प्रत्याशी सतीश कुमार पिंटू आगे चल रहे थे, लेकिन आगे के राउंड में कभी भाजपा के अशोक सिंह बढ़त लेते, तो कभी पिंटू. यही वजह थी कि बसपा समर्थकों का तनाव और उत्तेजना लगातार बढ़ रही थी।

24वें राउंड का परिणाम शाम 6:30 बजे घोषित हो चुका था, लेकिन 25वें और अंतिम राउंड की घोषणा में देरी ने समर्थकों के बीच शक की दीवार खड़ी कर दी।

मतगणना केंद्र पर जमा भीड़ जब सड़क पर उतरी, नारे लगाए और रास्ता जाम किया, तब प्रशासन ने समझाने की कोशिश की। परंतु भीड़ नहीं मानी, और हालात बिगड़ने पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद स्थिति एकदम फिसल गईपथराव, अग्निकांड, और पुलिस प्रशासन पर सीधा हमला।उप विकास आयुक्त सूर्य प्रताप सिंह, हेलमेट और बॉडी प्रोटेक्शन के साथ घटनास्थल पर पहुँचे, ताकि हालात का नियंत्रण लिया जा सके।

इस हिंसक झड़प में सीआरपीएफ के एएसआई राजकुमार मिश्रा, सब-इंस्पेक्टर कृष्णकांत मिश्रा, हवलदार योगेंद्र शर्मा, भीम सेन, और गोरखा रेजिमेंट के जवान संजय कुमार राणा समेत छह सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।स्थिति गंभीर होते ही एसपी हरिमोहन शुक्ला के नेतृत्व में पुलिस बल ने बाहर निकलकर उपद्रवियों को खदेड़ने की कार्रवाई शुरू की। आँसू गैस के गोले छोड़े गए और धीरे-धीरे भीड़ को तितर-बितर किया गया।