Bihar Crime:नाबालिग से दरिंदगी , पहले पिलाई शराब, फिर किया गैंगरेप, इंसाफ़ की लड़ाई जारी
Bihar Crime: एक मासूम, नाबालिग लड़की को हैवानों ने अपनी हवस का शिकार बनाया। इस संगीन वारदात ने पूरे इलाक़े को सन्न कर दिया है।....
Bihar Crime: एक मासूम, नाबालिग लड़की को हैवानों ने अपनी हवस का शिकार बनाया। इस संगीन वारदात ने पूरे इलाक़े को सन्न कर दिया है। 12 सितंबर की यह घटना, जो अब जाकर उजागर हुई है, ज़ख़्मों को हरा कर गई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फौरन कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसे गुनाहगारों को सज़ा मिल पाएगी?ख़गड़िया के परबत्ता थाना क्षेत्र में दरिंदगी की इंतिहा पार हो गई।
पीड़िता की मां ने जो बताया, वो रोंगटे खड़े कर देने वाला है। उनका जिगर का टुकड़ा, उनकी मासूम बेटी, रात के अंधेरे में दरिंदों के जाल में फंस गई। सचिन कुमार नाम के एक युवक ने उसे बातचीत के बहाने घर से बाहर बुलाया और फिर उसे गांव के बांध की ओर ले गया। वहां पहले से ही घात लगाकर बैठे थे बादल कुमार, पांडव कुमार, प्रिंस कुमार, राजीव कुमार और बादल कुमार । इन वहशियों ने उस बच्ची को ज़बरदस्ती शराब पिलाई और फिर उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। यह सोचकर ही रूह कांप जाती है कि उस बच्ची पर क्या गुज़री होगी, जब वह दर्द और ख़ौफ़ से तड़प रही होगी।
रात भर घर नहीं लौटने पर परिवार की बेचैनी बढ़ गई। सुबह जब वह लहूलुहान और ज़ख़्मी हालत में घर लौटी, तो मां का कलेजा फट गया। लेकिन समाज के डर से, 'इज़्ज़त' के ख़ौफ़ से, उन्होंने यह ज़ुल्म सीने में ही दबाए रखा। बेटी दर्द से कराहती रही और मां बेबस होकर देखती रही। आख़िरकार, एक मां का दिल नहीं माना। अपनी बेटी के लिए इंसाफ़ की लड़ाई लड़ने का फ़ैसला किया और थाने में आवेदन दिया।
पुलिस को जैसे ही इस ख़ौफ़नाक वारदात की जानकारी मिली, वह हरकत में आ गई। टीम ने तुरंत छापेमारी शुरू कर दी है और दोषियों की गिरफ़्तारी के लिए दबिश बना रही है। लेकिन इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या समाज में हमारी बेटियों की सुरक्षा इतनी ही कमज़ोर है? क्या यह डर और ख़ौफ़ का माहौल यूं ही बना रहेगा?
ज़रूरत है कि इन मुजरिमों को ऐसी सज़ा मिले, जो मिसाल बन जाए, ताकि फिर कोई ऐसी हिमाक़त करने की जुर्रत न करे। पीड़िता और उसके परिवार को इंसाफ़ मिलना ही चाहिए। यह सिर्फ़ एक घटना नहीं, बल्कि हमारे समाज की बदहाल तस्वीर है, जिसे बदलने की सख़्त ज़रूरत है।
रिपोर्ट- अमित कुमार