Bihar Crime: नाजायज संबंध को लेकर रिश्तों का कत्ल, ससुर और देवर ने मिलकर विधवा बहू और मासूम पोती का इस कारण रेता गला, दरिंदगी की इंतिहा
Bihar Crime: नाजायज संबंध को लेकर एक दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहाँ रिश्तों को शर्मसार करते हुए एक ससुर और देवर ने मिलकर एक विधवा बहू और उसकी मासूम बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी.
Bihar Crime: बिहार के किशनगंज से एक दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहाँ रिश्तों को शर्मसार करते हुए एक ससुर और देवर ने मिलकर एक विधवा बहू और उसकी मासूम बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी. पोठिया थाना क्षेत्र के तैयबपुर के तेलीबस्ती गाँव में बुधवार रात 23 वर्षीय अंसरी बेगम और उनकी डेढ़ वर्षीय बेटी राहत परवीन की हत्या के मामले में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस ने गुरुवार रात को दो आरोपियों, मृतक महिला के ससुर फारुक आलम और देवर एहसान आलम को गिरफ्तार कर लिया है.
किशनगंज के एसपी सागर कुमार ने इस जघन्य वारदात का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक अंसरी बेगम के ससुर फारुक आलम की अपनी विधवा बहू पर बुरी नीयत थी, जबकि उसका छोटा बेटा एहसान आलम अपनी विधवा भाभी से शादी करने का दबाव बना रहा था. जब अंसरी बेगम ने उनके नापाक मंसूबों को बार-बार ठुकरा दिया, तो पिता-पुत्र ने मिलकर इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने की साजिश रची.
पुलिस जांच में सामने आया है कि पिता-पुत्र इतने शातिर थे कि उन्होंने हत्या को आत्महत्या का रूप देने की भी कोशिश की. इसके लिए उन्होंने वारदात से पहले ही कमरे का वेंटिलेटर तोड़ दिया था. मां-बेटी की गला रेतकर हत्या करने के बाद, दोनों आरोपी कमरे का दरवाजा अंदर से बंद छोड़कर वेंटिलेटर और छत के ऊपरी हिस्से से फरार हो गए थे.
कांड की गंभीरता को देखते हुए, एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ-II मंगलेश कुमार सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया था. टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तकनीकी और बायोलॉजिकल साक्ष्यों के आधार पर दोनों आरोपियों को दबोच लिया. पुलिस ने घटनास्थल से खून लगा दबिया (एक प्रकार का हथियार) भी बरामद किया है, जिसका इस्तेमाल इस दोहरे हत्याकांड में किया गया था.
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में तेजी से मुकदमा (स्पीडी ट्रायल) चलाया जाएगा ताकि इन दोनों दरिंदों को जल्द से जल्द सख्त सजा मिल सके. यह घटना समाज में बढ़ते अपराधों और नैतिक मूल्यों के पतन को दर्शाती है, जहाँ पारिवारिक रिश्ते भी सुरक्षित नहीं रहे. इस तरह की वारदातें न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं, बल्कि समाज के ताने-बाने को भी झकझोर देती हैं.