Bihar Crime: निकाह की शहनाइयों में गूंजी हर्षफायरिंग की गोली, दूल्हे के रिश्तेदार की मौत से पसरा मातम

जश्न का जो माहौल था, वो पलभर में मातम में तब्दील हो गया। निकाह की मिठास के बीच अचानक बारूद की कड़वाहट जश्न का जो माहौल था, वो पलभर में मातम में तब्दील हो गया। निकाह की मिठास के बीच अचानक बारूद की कड़वाहट घुल गई। ...

निकाह की शहनाइयों में गूंजी हर्षफायरिंग की गोली- फोटो : social Media

Bihar Crime:मधुबनी ज़िले के महपतिया गांव में जश्न का जो माहौल था, वो पलभर में मातम में तब्दील हो गया। निकाह की मिठास के बीच अचानक बारूद की कड़वाहट घुल गई। बारात आई थी, दूल्हा-दुल्हन का मिलन हो चुका था, बिरयानी की खुशबू फैली थी, बच्चे खिलखिला रहे थे, और तभी एक गोली चलती है  और इफ्तेखार कौशर नाम का 18 साल का नौजवान ज़िन्दगी से बेदख़ल कर दिया जाता है।

शुक्रवार की वो रात, जो महपतिया गांव में खुशियों की रात मानी जा रही थी, वो अचानक क़ब्रिस्तान की ख़ामोशी में तब्दील हो गई। मोहम्मद मसीउल्लाह के जवान बेटे इफ्तेखार की ख़ून से लथपथ लाश ज़मीन पर पड़ी थी, और शहनाई की धुन अचानक चीखों और सिसकियों में बदल गई।

दूल्हे का रिश्ता था इफ्तेखार, सिर्फ़ बारात देखने गया था, लेकिन लौटा तो सिर्फ़ जिस्म बेजान बनकर। गांव में अफरातफरी मच गई, बारात की रौनक ग़ायब हो गई, दुल्हन की आँखों से काजल बह निकला और बारातियों की थालियाँ अधूरी रह गईं।

पुलिस आई, जांच शुरू हुई, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। लेकिन सवाल ये है जिसकी ज़िन्दगी उजड़ गई, उसका इंसाफ़ कब और कैसे मिलेगा?हर्ष फायरिंग करने वाला शख़्स अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।

क्या ऐसी घटनाओं पर सिर्फ़ 'कानून कार्रवाई कर रहा है' कहकर पल्ला झाड़ लेना काफी है?

बहरहाल समाज के उन लोगों से भी सवाल है जो बारातों में बंदूक उठाकर खुद को 'शेर' समझते हैं। दरअसल असलियत में वे खुशियों के क़ातिल हैं।