Bihar Crime: लोगों को ठगने का नया तरीक़ा,नौकरी के लिए मांगे डॉक्यूमेंट की मदद से किया करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा, आप भी से रहें सावधान!
Bihar Crime: नौकरी के नाम पर कई लोगों से उनके दस्तावेज़ लिए गए और उनके नाम से जीएसटी नंबर जारी करवाए गए।......
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Bihar Crime: नौकरी का झांसा देकर आधा दर्जन लोगों से उनके दस्तावेज़ लेने के बाद, एक व्यक्ति ने धोखे से उन्हीं दस्तावेज़ों का उपयोग करके जीएसटी पंजीकरण कराया और 4 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया।मृत्युंजय सिंह, बरूआरी, गयाघाट, मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं, जो वर्तमान में अहियापुर, नाजीरपुर में रहते हैं। उन्होंने मुजफ्फरपुर के साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ अच्छी नौकरी की तलाश में थे। इस दौरान उनकी मुलाकात दीवान रोड, नगर थाना निवासी अविनाश कुमार से हुई, जिसने उन्हें जोमैटो कंपनी में नौकरी दिलाने का वादा किया। अविनाश ने मृत्युंजय और उनके तीन दोस्तों - नीरज कुमार, रंजन कुमार और दीपू कुमार चौधरी - से उनके आधार और पैन कार्ड लिए।
हालांकि, काफी समय बीत जाने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली। जब मृत्युंजय बैंक से मुद्रा लोन लेने के लिए साइबर कैफे गए, तो उन्हें पता चला कि उनके नाम पर जीएसटी नंबर जारी किया गया है। उन्होंने माड़ीपुर स्थित जीएसटी कार्यालय से जानकारी प्राप्त की, जहाँ उन्हें पता चला कि उनके नाम पर 10FGU PS 9556LIZD जीएसटी नंबर जारी किया गया है, जिसमें 7279844930 मोबाइल नंबर दर्ज है, जो उनका नहीं है।
मृत्युंजय ने उस नंबर पर फोन किया, जो अविनाश कुमार का निकला। उन्होंने जीएसटी पंजीकरण की जाँच की, जिसमें न तो उनके हस्ताक्षर थे और न ही उनका पता सही था, लेकिन उनकी वही फोटो थी जो उन्होंने अविनाश को नौकरी के लिए दी थी। जीएसटी कार्यालय से उन्हें पता चला कि उनके नाम से गलत जीएसटी नंबर जारी करके 3 करोड़ 78 लाख 85 हजार 735 रुपये का बिल काटकर 68 लाख 19 हजार 432 रुपये की टैक्स चोरी की गई है।मृत्युंजय ने अपने दोस्तों से बात की, जिन्होंने अविनाश को अपने दस्तावेज़ दिए थे। उन्हें पता चला कि दीपू कुमार चौधरी, नीरज कुमार और रंजन कुमार के नाम से भी जीएसटी नंबर जारी किए गए हैं। अविनाश के पास पैन कार्ड नहीं होने के कारण उसके नाम से जीएसटी नंबर जारी नहीं हो पाया था।
जाँच में पता चला कि अविनाश ने नौकरी के नाम पर कई अन्य लोगों से भी उनके दस्तावेज़ लिए और उनके नाम से जीएसटी नंबर जारी करवाए। उन लोगों ने भी बताया कि उन्होंने अविनाश को जोमैटो में नौकरी के लिए अपने दस्तावेज़ दिए थे, और अविनाश ने बताया था कि उसने उनके दस्तावेज़ मधुबनी निवासी जयशंकर झा को दिए थे।मृत्युंजय ने आशंका जताई है कि कोई बड़ा गिरोह लोगों से नौकरी के नाम पर उनके दस्तावेज़ लेकर फर्जी जीएसटी पंजीकरण कराकर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहा है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद साइबर थाना पुलिस मामले की जाँच कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। मुजफ्फरपुर के एसएसपी सुशील कुमार ने कहा है कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है और पुलिस सभी बिंदुओं पर जाँच करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा