Bihar News:बिहार में शराबबंदी पर सवाल, महिलाएं भी बनीं शराब तस्कर, मुजफ्फरपुर में बड़ा खुलासा

Bihar News: बिहार में पूर्ण शराबबंदी है, तो इतनी भारी मात्रा में शराब की खेप सीमा पार करके यहां तक कैसे पहुंच रही है? ...

आखिर शराब कैसे पहुंच रही बिहार?- फोटो : reporter

Bihar News: पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में शराब के अवैध कारोबार का जाल इस कदर फैल चुका है कि अब इसमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी अपना "भविष्य" तलाश रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही महिलाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए शराबबंदी की बात करते हों, लेकिन मुजफ्फरपुर के उत्पाद विभाग की हालिया कार्रवाई ने इस दावे की पोल खोल दी है।

11 तस्कर गिरफ्तार, महिला भी शामिल

उत्पाद विभाग की टीम ने मुजफ्फरपुर में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 शराब कारोबारियों को गिरफ्तार किया है। जिले के अलग-अलग इलाकों में चलाए गए इस विशेष अभियान के तहत लाखों रुपये मूल्य की विदेशी और देसी शराब के साथ एक लग्जरी वाहन भी जब्त किया गया है। इन गिरफ्तारियों में महिलाओं की संलिप्तता भी सामने आई है, जो दर्शाता है कि अवैध शराब के धंधे में लैंगिक सीमाएं भी टूट चुकी हैं।

सीमा पार से आ रही शराब

उत्पाद इंस्पेक्टर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में लगातार विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत सकरा थाना क्षेत्र के पहाड़पुर निवासी सुनील कुमार को उसकी स्विफ्ट डिजायर कार के साथ पकड़ा गया। उसकी गाड़ी में लाखों की शराब थी, जिसे वह वैशाली से लाकर सकरा में बेचता था। इसके अतिरिक्त, लदौरा के शराब कारोबारी नीरज के घर पर छापेमारी में भारी मात्रा में विदेशी शराब और बीयर मिली है, जिसके बाद उसके घर को सीलबंद करने की प्रक्रिया की जा रही है।

हजारों लीटर शराब की बरामदगी, फिर भी उपलब्धता!

यह चौंकाने वाला तथ्य है कि पूर्ण शराबबंदी वाले मुजफ्फरपुर में हर महीने हजारों लीटर विदेशी शराब की बरामदगी होती है, सैकड़ों शराब कारोबारी पकड़े जाते हैं, और हजारों शराब का सेवन करने वाले गिरफ्तार होते हैं। इसके बावजूद, शहर के लगभग सभी जगहों पर शराब की उपलब्धता बनी हुई है, और कारोबारी बेहिचक इसका धंधा कर रहे हैं।

सबसे बड़ा सवाल: आखिर शराब कैसे पहुंच रही बिहार?

यह सबसे बड़ा सवाल है कि जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी है, तो इतनी भारी मात्रा में शराब की खेप सीमा पार करके यहां तक कैसे पहुंच रही है? क्या इसको लेकर बॉर्डर पर कोई विशेष जांच नहीं की जाती? और अगर की जाती है, तो फिर ये खेपें आसानी से बिहार के अंदरूनी इलाकों तक कैसे पहुंच जाती हैं? ये सवाल सीधे तौर पर बिहार में शराबबंदी कानून के कार्यान्वयन और उसकी प्रभावशीलता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाते हैं। जब तक इन सवालों का जवाब नहीं मिलता और प्रभावी कदम नहीं उठाए जाते, तब तक शराबबंदी का दावा केवल कागजी ही साबित होगा।

रिपोर्ट-मणिभूषण शर्मा