सिपाही बहाली पेपर लीक कांड , राजकिशोर गैंग के करोड़ों के खेल का खुलासा, कोचिंग सरों की मिलीभगत से बिछी जुर्म की बिसात!
Bihar paper leak Sanjeev Mukhiya: सिपाही बहाली 2023 परीक्षा पेपर लीक कांड ने सूबे की सियासत से लेकर शिक्षा की दुनिया तक को हिला कर रख दिया है।जकिशोर गिरफ्त में आने के बाद जो राज़ उगले हैं, उसने पूरे नेटवर्क की परतें खोल दी हैं। ..
Bihar paper leak Sanjeev Mukhiya: सिपाही बहाली 2023 परीक्षा पेपर लीक कांड ने सूबे की सियासत से लेकर शिक्षा की दुनिया तक को हिला कर रख दिया है। ताज़ा खुलासे में अरवल का इनामी अपराधी राजकिशोर गिरफ्त में आने के बाद जो राज़ उगले हैं, उसने पूरे नेटवर्क की परतें खोल दी हैं। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की तफ़्तीश में यह साफ़ हो गया है कि इस संगठित जुर्म के पीछे महज़ कुछ भटके हुए युवक नहीं बल्कि एक पूरा माफ़िया सिंडिकेट काम कर रहा था।
पूछताछ में राजकिशोर ने माना है कि वह इस गिरोह का फाइनेंसर और नेटवर्किंग मास्टर था। उसका काम था अभ्यर्थियों को फँसाना, उनसे मोटी रकम वसूलना और उन्हें झूठे ख्व़ाब दिखाना कि “पेपर हाथ में होगा तो नौकरी पक्की।” इसी सिलसिले में उसने पत्रकार नगर, पटना के मशहूर कोचिंग संचालक मुकेश सर और चंदन सर से हाथ मिलाया। ये वही नाम हैं जो 2017 के नीट पेपर लीक कांड में भी सुर्ख़ियों में आए थे। ईओयू के दस्तावेज़ बताते हैं कि अभ्यर्थियों से करोड़ों रुपये की वसूली सीधे इन कोचिंग चैनलों से की गई थी।
गिरोह का सरगना संजीव मुखिया पेपर लीक कराने में माहिर माना जाता है। मुखिया का जिम्मा था प्रश्नपत्र को एग्ज़ाम हॉल तक पहुँचने से पहले ही ‘सड़क’ पर उतारना। जबकि राजकिशोर और कोचिंग संचालक मिलकर अभ्यर्थियों से रकम ऐंठते थे। यह दो-स्तरीय ‘मॉड्स ऑपरेंडी’ था पहली टीम पैसे जुटाती, दूसरी टीम पेपर हासिल करती।
ईओयू की तफ़्तीश में बैंक खातों का वो जाल सामने आया है जिसमें करोड़ों रुपये की मनी ट्रेल दर्ज है। यह रकम साफ़ इशारा कर रही है कि पेपर लीक अब कोई इक्का-दुक्का अपराध नहीं रहा, बल्कि यह एक संगठित एग्ज़ाम माफ़िया का उद्योग बन चुका है।
ख़ास बात यह है कि आर्थिक अपराध इकाई ने न सिर्फ इस कांड का दायरा बढ़ाया है बल्कि नीट 2017 पेपर लीक की केस फ़ाइल भी अपने कब्ज़े में ले ली है। इसका मतलब साफ़ है राजकिशोर और मुखिया का खेल अब ताश के पत्तों की तरह बिखरने वाला है।