Bihar Doctors Strike: डॉक्टरों के OPD बहिष्कार से मरीजों की बढ़ी मुश्किल, PMCH सहित 38 जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप

Bihar Doctors Strike: बिहार में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी है, जिसके कारण राज्य भर में ओपीडी की सेवाएं ठप हो गई हैं। बिहार के सबसे बड़े अस्पताल PMCH में मरीज दर दर की ठोकर खा रहे हैं। IGIMS की स्थिति भी बदतर है।

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PMCH सहित 38 जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप- फोटो : Hiresh Kumar

Bihar Doctors Strike:  बिहार में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने आज यानी 27 मार्च 2025 से तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी है, जिसके कारण राज्य भर में बाहरी मरीजों के इलाज (ओपीडी) की सेवाएं ठप हो गई हैं। इस हड़ताल का मुख्य कारण डॉक्टरों की सुरक्षा, वेतन, और स्टाफ की कमी जैसी समस्याओं का समाधान न होना है।

डॉक्टर्स के ओपीडी बहिष्कार का राजधानी पटना के स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ा है। बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में मरीज दर दर की ठोकर खा रहे हैं। तो आईजीआईएमएस की स्थिति में अच्छी नहीं है। अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं ठप पड़ी हैं और मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

वहीं डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने कई बार सरकार को अपनी समस्याओं के बारे में बताया है, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (BHSA) ने बायोमेट्रिक हाजिरी, प्रशासनिक दबाव और कर्मचारियों की कमी जैसे मुद्दों पर विरोध करते हुए यह हड़ताल बुलाई थी।

हड़ताल के कारण सभी 38 जिलों के मेडिकल कॉलेजों, सदर अस्पतालों, रेफरल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इससे मरीजों को बहुत परेशानी हो रही है, खासकर उन गरीब मरीजों को जो सरकारी अस्पतालों पर निर्भर होते हैं।

हालांकि हड़ताल केवल ओपीडी सेवाओं तक ही सीमित है और आपातकालीन और ट्रॉमा सेवाएं सामान्य रूप से चल रही है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार 29 मार्च तक कोई ठोस हल नहीं निकालती है तो वे आगे भी कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे।

बिहार में डॉक्टरों की हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिससे मरीज दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं। 

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