पटना में सक्रिय है महाकाल गैंग, जमीन कब्जा, रंगदारी और हत्या की लेता है जिम्मेवारी, पुलिस की बड़ी कार्रवाई से हड़कंप

Patna Crime: पटना के पूर्वी से पश्चिमी इलाके में सक्रिय महाकाल गैंग ने अपराध की दुनिया में अपना अलग ही दबदबा बना रखा है।

पटना में सक्रिय है महाकाल गैंग- फोटो : social Media

Patna Crime: पटना के पूर्वी से पश्चिमी इलाके में सक्रिय महाकाल गैंग ने अपराध की दुनिया में अपना अलग ही दबदबा बना रखा है। गैंग का मुख्य काम जमीन कब्जा करना, रंगदारी वसूलना, निर्दोष लोगों को भयभीत करना, राह चलते वर्चस्व की लड़ाई में मारपीट करना और अपने गैंग मेंबरों को प्रोटेक्शन देना है। गैंग के सरगना नीतीश फिलहाल जेल में हैं, जबकि उसका सहयोगी बुलेट फरार है और उसकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।

पुलिस के अनुसार, गैंग का नेटवर्क शहर के लगभग हर हिस्से में फैला हुआ है। गैंग के अधिकतर सदस्य युवा हैं, जिनकी उम्र 20 से 25 साल के बीच है। गैंग के सदस्य सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं। उन्होंने फैंसी नाम के ग्रुप, पेज और व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं, जहां वे अपनी दबंगई की तस्वीरें और वीडियो अपलोड करते हैं। उनके पास मौजूद गाड़ियों पर भी "महाकाल" लिखा रहता है, जिससे उनका डर और प्रभाव दोनों कायम रहता है।

गैंग मेंबरशिप और सुरक्षा

पूर्वी एसपी परिचय कुमार ने बताया कि गैंग मेंबर बनाने के लिए 1000 से 5000 रुपए तक की एंट्री फीस ली जाती थी। गैंग अपने सदस्यों को पूरे पटना में किसी भी स्थिति में सुरक्षा देता है। यदि किसी मेंबर को मदद की आवश्यकता होती है, तो एक कॉल पर 100-200 लड़के तुरंत जुट जाते हैं।

अवैध गतिविधियों का नेटवर्क

गैंग का मुख्य धंधा जमीन कब्जा और मारपीट है। विवादित जमीन के मालिक और बिल्डर्स के संपर्क में यह गैंग हायर किए गए लड़कों के जरिए जबरन कब्जा कराता है। इसके एवज में मोटी रकम (1-2 लाख रुपए तक) वसूली जाती है, जो गैंग के सदस्यों में आपस में बांटी जाती है।

पुलिस की कार्रवाई और संपत्ति जब्ती

पिछले दो महीने में शहर के पूर्वी इलाके धनरूआ से 17-18 गैंग के सदस्य पकड़े गए हैं। इनके कब्जे से अवैध हथियार और संपत्ति जब्त की जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई गैंग की कमर तोड़ने और उनके अवैध आय से अर्जित संपत्ति को जब्त करने के उद्देश्य से की जा रही है।

गैंग की शुरुआत और हिंसक इतिहास

महाकाल गैंग की नींव बिहटा बसौढा के अमित सिंह ने 2016-17 में रखी थी। गैंग ने बिहटा, नौबतपुर इलाके में अपना दबदबा बनाने के लिए हथियार सप्लाई, शूटर्स तैयार करना और बालू से लेवी वसूलना शुरू किया। पहली बड़ी हत्या बिहटा के व्यवसायी संघ के अध्यक्ष और उदय चित्र मंदिर सिनेमाहॉल के मालिक निर्भय सिंह की की गई। इसके बाद अमित सिंह की हत्या देवघर कोर्ट में पेशी के दौरान कर दी गई। सिकंदरपुर का रहने वाला छोटे सरकार भी इसी गैंग से जुड़ा और 2023 में देवघर कोर्ट में पेशी के दौरान उसकी हत्या कर दी गई।

पूर्वी एसपी परिचय कुमार ने दावा किया कि वर्तमान में पूर्वी इलाके में गैंग की कमर तोड़ दी गई है और अधिकांश बदमाश जेल में हैं। बावजूद इसके पुलिस लगातार फरार सदस्य बुलेट की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी रखे हुए है।