Bihar Crime: लोजपा (आर) नेता अयूब ख़ान के घर से AK-47,कार्बाइन और दोनाली बरामद ,एसपी की ताबड़तोड़ छापेमारी से ग्यासपुर में सनसनी

लोजपा (आर) नेता अयूब ख़ान के घर से एके-47 रायफ़ल, कार्बाइन, दो दोनाली बंदूकें और बड़ी तादाद में ज़िंदा कारतूस बरामद किए हैं।..

लोजपा (आर) नेता के घर से AK-47,कार्बाइन और दोनाली बरामद- फोटो : reporter

Bihar Crime: सिवान ज़िले के सिसवन थाना क्षेत्र के ग्यासपुर गाँव में बुधवार की सुबह का सन्नाटा अचानक गोलियों की खनक और पुलिस के बूटों की आहट से टूट गया। लोजपा (आर) के नेता और कुख़्यात माने जाने वाले अयूब ख़ान के आलीशान मकान पर एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने तड़के भारी हथियारों से लैस होकर दबिश दी।

पुलिस अधीक्षक मनोज तिवारी  के मुताबिक़, ख़ुफ़िया इनपुट के आधार पर की गई इस कार्रवाई में पुलिस ने अयूब ख़ान के घर से एके-47 रायफ़ल, कार्बाइन, दो दोनाली बंदूकें और बड़ी तादाद में ज़िंदा कारतूस बरामद किए हैं। मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि “कई दिनों से अयूब ख़ान और उसके गिरोह की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही थी। सुबह जैसे ही पुख़्ता जानकारी मिली, टीम ने घेराबंदी कर छापेमारी शुरू कर दी।”

छापेमारी के दौरान अयूब ख़ान और उसके कई समर्थक खेतों की ओर भाग खड़े हुए। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने खेतों और बागीचों का सहारा लेकर पुलिस की आँखों में धूल झोंकने की कोशिश की, मगर पूरा इलाक़ा पुलिस के घेरे में था। सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी में एसटीएफ ने घर के हर कोने की तलाशी ली।

पुलिसिया कार्रवाई के बाद ग्यासपुर गाँव में सन्नाटा पसरा है, चाय की दुकानों से लेकर नुक्कड़ों तक बस एक ही चर्चा  “अयूब ख़ान के घर से एके-47 निकली!” स्थानीय लोग हैरान हैं कि नेता के वेश में कोई इतना भारी हथियार कहाँ से और क्यों जमा कर रहा था।

सूत्र बताते हैं कि अयूब ख़ान और उसका भाई रईस ख़ान हाल ही में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) में शामिल हुए थे। रईस ख़ान रघुनाथपुर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहा था। इलाक़े में यह चर्चा भी तेज़ है कि राजनीतिक संरक्षण के दम पर दोनों भाइयों ने अपने पुराने आपराधिक नेटवर्क को फिर से सक्रिय कर लिया था।

पुलिस अब इस मामले को अवैध हथियार आपूर्ति गिरोह से जोड़कर देख रही है। सीवान एसपी का कहना है कि “कई और ठिकानों पर भी छापेमारी जारी रहेगी।”सियासत, शोहरत और संगीन हथियारों के इस खेल ने सिवान की ज़मीन को एक बार फिर दहला दिया है  और ग्यासपुर का नाम अब अपराध की डायरी में लाल स्याही से दर्ज हो गया है।

रिपोर्ट- कुलदीप भारद्वाज