SHO suspended:खेसारी की रैली में गया युवक लापता, छह दिन बाद पुलिया के नीचे मिला शव, थानेदार सस्पेंड
SHO suspended: भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव की चुनावी रैली देखने गया एक युवक रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था। छह दिन बाद, उसी युवक का शव एक पुलिया के नीचे गड्ढे में दबा हुआ मिला।...
SHO suspended: वैशाली में सनसनीखेज मामला सामने आया है। 2 नवंबर को भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव की चुनावी रैली देखने गया एक युवक रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था। छह दिन बाद, उसी युवक का शव एक पुलिया के नीचे गड्ढे में दबा हुआ मिला। शव मिलने की खबर से इलाके में हड़कंप मच गया।
मृतक की पहचान मोहन ठाकुर (20), निवासी पहाड़पुर गांव, के रूप में हुई है। मोहन 2 नवंबर की शाम घर से जुड़ावनपुर में राजद प्रत्याशी तेजस्वी यादव की सभा में खेसारी लाल को देखने गया था, लेकिन लौटकर नहीं आया। उसका मोबाइल भी लगातार बंद था।
परिजन बार-बार पुलिस से मदद मांगते रहे, लेकिन आरोप है कि जुड़ावनपुर थानेदार पुरुषोत्तम कुमार यादव ने शिकायत दर्ज नहीं की और अभद्र व्यवहार किया। इस लापरवाही पर थानेदार को लाइन हाजिर कर दिया गया है।8 नवंबर को पहाड़पुर दियारा इलाके में एक पुलिया के नीचे तेज बदबू महसूस हुई। स्थानीय लोग नीचे उतरे तो मिट्टी में दबा मोहन का शव दिखाई दिया, जिसे कुत्ते नोच रहे थे। सूचना पर पुलिस पहुंची और शव को बाहर निकाला गया। मृतक के गले में सोने की चेन और हाथ में अंगूठी थी, जिससे पुलिस लूटपाट के बाद हत्या की आशंका जताई जा रही है।
मोहन असम में मार्बल फैक्ट्री में काम करता था। चार भाइयों में तीसरा था। छह महीने पहले ही शादी हुई थी। छठ पूजा के लिए वह घर आया था और मतदान के बाद फिर असम लौटने वाला था। जिस दिन वह गायब हुआ, उसी दिन ससुराल से अपने घर आया था और रैली में जाने की जिद कर निकल पड़ा।
एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी जांच शुरू कर दी गई है। शव को एफएसएल टीम की मौजूदगी में बाहर निकाला गया और सैंपल लिए गए। मेडिकल बोर्ड बनाकर पोस्टमार्टम हाजीपुर सदर अस्पताल में कराया जा रहा है।
एसपी ने सदर एसडीपीओ सुबोध कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही घटना के पीछे जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
फिलहाल गांव में मातम पसरा है, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और स्थानीय लोग पुलिस की लापरवाही को इस मौत का बड़ा कारण बता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर शिकायत दर्ज होती, तो शायद मोहन की जान बचाई जा सकती थी।
रिपोर्ट- ऋषभ कुमार