PM Modi on Mahakumbh : महाकुंभ पर पीएम मोदी ने संसद में किया बड़ा ऐलान, एकता का अमृत इसका बहुत पवित्र प्रसाद...

PM Modi on Mahakumbh : प्रयागराज में हुए महाकुंभ की समाप्ति के बाद मंगलवार को लोकसभा में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी घोषणा की.

PM Modi on Mahakumbh
PM Modi on Mahakumbh- फोटो : news4nation

PM Modi on Mahakumbh : लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं प्रयागराज में हुए महाकुंभ पर वक्तव्य देने के लिए उपस्थित हुआ हूं। आज मैं सदन के माध्यम से देशवासियों को कोटि-कोटि नमन करता हूं जिनकी वजह से महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ। महाकुंभ की सफलता में अनेक लोगों का योगदान है। मैं सरकार, समाज के सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन करता हूं। मैं देश भर के श्रद्धालुओं, उत्तर प्रदेश व विशेष रूप से प्रयागराज की जनता का धन्यवाद करता हूं। 


उन्होंने कहा कि पूरे विश्व ने महाकुंभ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए। सबका प्रयास का यही साक्षात स्वरूप है। यह जनता जनार्दन का, जनता जनार्दन के संकल्पों के लिए, जनता जनार्दन की श्रद्धा से प्रेरित महाकुंभ था...महाकुंभ में हमने हमारी राष्ट्रीय चेतना के जागरण के विराट दर्शन किए। उन्होंने कहा कि महाकुंभ भारत के इतिहास में ऐसा ही क्षण था, जैसा 1857 की क्रांति, भगत सिंह का बलिदान और गांधी का डांडी मार्च था। इन घटनाओं ने देश को एक नया मोड़ दिया और ऐसा ही महाकुंभ के विशाल आयोजन से भी हुआ है। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं, एकता का अमृत इसका बहुत पवित्र प्रसाद है। महाकुंभ ऐसा आयोजन रहा जिसमें देश के हर क्षेत्र, कोने से आए लोग एक हो गए। लोग अहम त्यागकर मैं नहीं हम की भावना से प्रयागराज में जुटे... जब अलग-अलग भाषा, बोली बोलने वाले लोग संगम तट पर हर-हर गंगे का उद्घोष करते हैं तो 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की झलक दिखती है। आज पूरे विश्व में जब बिखराव की स्थितियां हैं, उस दौर में एकजुटता का ये विराट प्रदर्शन हमारी ताकत है।  अनेकता में एकता भारत की विशेषता है, ये हम हमेशा कहते आए हैं और इसी के विराट रूप का अनुभव हमने प्रयागराज महाकुंभ में किया है।  हमारा दायित्व है, अनेकता में एकता की इसी विशेषता को हम निरंतर समृद्ध करते रहें। 


पीएम मोदी ने कहा कि ये उमंग, उत्साह यहीं तक सीमित नहीं था। बीते सप्ताह मैं मॉरीशस में था, मैं त्रिवेणी से महाकुंभ के समय का पावन जल लेकर गया था।   जब उस पवित्र जल को मॉरीशस के गंगा तलाब में अर्पित किया गया, तब वहां जो श्रद्धा का, आस्था का, उत्सव का माहौल था, वो देखते ही बनता था । ये दिखाता है कि हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति, हमारे संस्कारों को आत्मसात करने की भावना कितनी प्रबल हो रही है। पिछले वर्ष, अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हमने महसूस किया था कि कैसे देश एक हजार वर्षों के लिए तैयार हो रहा है। इसके ठीक एक साल बाद, महाकुंभ के आयोजन ने हम सबके इस विचार को और दृढ़ किया है। देश की ये सामूहिक चेतना देश का सामर्थ्य बताती है। 


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