Hanuman Janmotsav: 57 साल बाद हनुमान जयंती पर बने दुर्लभ संयोग में करें मंगल मूरति, मारुति नंदन सकल अमंगल मूल निकंदन का पाठ, सभी कष्टों से मिलेगा त्राण

Hanuman Janmotsav: भगवान राम के भक्त हनुमान जी के बारे में यह मान्यता है कि वे आज भी जीवित हैं। जो भक्त उनकी पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं, वे अपने सभी दुखों से मुक्त हो जाते हैं। इसीलिए उन्हें संकट मोचन के नाम से भी जाना जाता है।

मंगल मूरति, मारुति नंदन सकल अमंगल मूल निकंदन- फोटो : social Media

Hanuman Janmotsav:हनुमान जी के विषय में यह मान्यता है कि वे आज भी जीवित हैं। उनकी पूजा और अर्चना से भक्तों के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त, मंगल मूरति, मारुति नंदन सकल अमंगल मूल निकंदन का पाठ करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। 

मंगल मूरति, मारुति नंदन सकल अमंगल मूल निकंदन

मंगल मूरति, मारुति नंदन 

सकल अमंगल मूल निकंदन


पवन तनय, संतन हितकारी


हृदय विराजत अवध बिहारी


मंगल मूरति, मारुति नंदन


मात पिता, गुरु, गणपति, सारद


शिवा समेत शंभु, शुक, नारद


मंगल मूरति, मारुति नंदन


चरण कमल बंदौ सब काहू


देहु राम पद नेह निबाहू


मंगल मूरति, मारुति नंदन


बंदौ राम, लखन, बैदेही


जो तुलसी के परम सनेही


मंगल मूरति, मारुति नंदन


जय जय जय हनुमान गोसाई


कृपा करहु, गुरुदेव की नाई


मंगल मूरति, मारुति नंदन


साधु संत के तुम रखवारे


असुर निकंदन, राम दुलारे


मंगल मूरति, मारुति नंदन


मंगल मूरति, मारुति नंदन


सकल अमंगल मूल निकंदन