Religion: राम नाम का कवच, नाम जप से कैसे कल्याण होता है स्वयं श्री हनुमान जी ने भगवान श्री राम को बताया....आप भी जानिए
Religion:जब प्रभु श्रीराम ने हनुमानजी से सीता माता के वियोग में जीवन रक्षा का रहस्य पूछा, तब हनुमानजी ने उत्तर दिया कि माता सीता दिन-रात "राम नाम" का जप करती हैं। उनका मन, वाणी, दृष्टि और चित्त श्रीराम में ही लीन रहते हैं। नाम का पहरा रक्षा करता रहा
Religion: हनुमानजी के अनुसार, जैसे किले की चारदीवारी चोरों को रोकती है, वैसे ही रामनाम का घेरा किसी भी दुःख, भय या अशुभ विचार को प्रवेश नहीं करने देता। सतयुग में सीता जी को यह बल मिला, तो कलियुग में नाम स्मरण ही एकमात्र सहारा है।
तुलसीदास जी ने भी कहा है—"कलियुग केवल नाम अधारा", अर्थात इस युग में मोक्ष और कल्याण का मार्ग केवल हरिनाम है।
श्री हनुमानजी जब लंका से लौटे तो प्रभु श्री राम ने पूछा कि बताओ हनुमान, राम के वियोग में सीता अपने प्राणों की रक्षा कैसे करती हैं ?
तो हनुमान जी ने जो जवाब दिया उसे थोड़ा गौर से सुनिए और समझिए।हनुमान जी ने कहा..प्रभु...
नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट ।
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट ॥
‘ नाम पाहरू दिवस निसि ’…..यानी... सीता जी के चारों तरफ आप के ही नाम का पहरा है। क्योंकि वे रात-दिन आपके नाम का ही जप करती हैं। सदैव श्री रामजी का ही ध्यान धरती हैं और जब भी आँखें खोलती हैं तो अपने चरणों में नज़र टिकाकर आप के चरण कमलों को ही याद करती रहती हैं।
तो ‘ जाहिं प्रान केहिं बाट ’….. सोचिये की आप के घर के चारों तरफ कड़ा पहरा है। छत और ज़मीन की तरफ से भी किसी के घुसने का मार्ग बंद कर दिया है, क्या कोई चोर अंदर घुस सकता है..? ऐसे ही सीता जी ने सभी ओर से श्री रामजी का रक्षा कवच धारण कर लिया है इस प्रकार वे अपने प्राणों की रक्षा करती हैं।
अब जरा सोचिए वह सतयुग था..तब की बात है..आज तो कलयुग है..बाबा तुलसीदास ने लिखा है
कलयुग केवल नाम अधारा...इसीलिए जब भी वक्त मिले तो मन को शांत कर लें फिर मानसिक या फिर जैसे भागवत नाम जप स्मरण शुरू कर दें.. ऐसी धारणा करें कि मेरे चारो तरफ भगवान का नाम घूम रहा है। भगवान के नाम का घेरा मेरी रक्षा कर रहा है और इस प्रकार से जप करते-करते धीरे धीरे शांत और एकाग्र चित्त हो जायें। ईश्वर रक्षा करेंगे हर कदम पर, जीवन की हर मुश्किल राह पर पथ प्रदर्शन करेंगे। हां नीति और नियत भी ठीक होना चाहिए..यह आधार है। वासना दुगुनी शक्ति से शरीर में उठ खड़ा होता है..गलत काम करने के लिए बार बार प्रेरित करेगा..नाम जप इस लड़ाई को लड़ने में खूब साथ देता है..बाकी तो रघुनाथ जी जाने..हम जैसे बौधा के मालिक श्री सीताराम....श्री सीताराम कहते रहिए..गलत को गलत कहिए और सही को सही ..वाल्मिक भए ब्रह्म समाना....उल्टा नाम जपे जग जाना...बोलिए सियावर रामचंद्र की जय..
कौशलेंद्र प्रियदर्शी की कलम से....