शरद पूर्णिमा में होगी अमृत वर्षा, चंद्रमा की पवित्र किरणों में ऐसे करें खीर अर्पित , आरोग्य एवं धन-संपदा प्राप्ति का बन रहा अद्भुत योग

Sharad Purnima: सनातन धर्म में प्रत्येक पर्व केवल संस्कार और उत्सव का माध्यम नहीं, अपितु प्रकृति के दिव्य चक्र से जुड़े अद्भुत रहस्यों का प्रतीक भी है।...

आज शरद पूर्णिमा में होगी अमृत वर्षा- फोटो : social Media

Sharad Purnima: सनातन धर्म में प्रत्येक पर्व केवल संस्कार और उत्सव का माध्यम नहीं, अपितु प्रकृति के दिव्य चक्र से जुड़े अद्भुत रहस्यों का प्रतीक भी है। शरद पूर्णिमा, जिसे पूर्णिमा तिथि में मनाया जाता है, अपने आप में अत्यंत पावन और फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं में पूर्ण दक्षता के साथ आकाश में विराजमान रहता है और उसकी शीतल और शुभ किरणों से अमृत वर्षा होती है। यही अमृत वर्षा मनुष्य के जीवन में सौभाग्य, उत्तम स्वास्थ्य, समृद्धि और आंतरिक शांति का संचार करती है।

शरद पूर्णिमा की रात विशेषत: खीर अर्पित करने के लिए उत्तम मानी जाती है। पारंपरिक रीति के अनुसार, रात भर खीर को खुले आकाश के नीचे चंद्रमा की पवित्र रोशनी में रखा जाता है। इस दिव्य विधि का पालन करने से बीमारियाँ दूर होती हैं, मनुष्य का भाग्य उन्नति पाता है तथा माता लक्ष्मी की कृपा स्थायी रूप से बनी रहती है।

इस वर्ष, शरद पूर्णिमा का महापर्व और भी विशेष होने वाला है। पंचांग अनुसार इस दिन उन्नति मुहूर्त तथा वृद्धि योग बन रहे हैं, जो कि हस्त नक्षत्र के शुभ संयोग के साथ अत्यंत दुर्लभ योग के रूप में आ रहा है। इस वर्ष खीर रखने का शुभ मुहूर्त रात्रि 10:37 बजे से 12:09 बजे तक रहेगा। इस समयावधि में खीर को पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक बनाकर ढक कर खुले आकाश में रखा जाना चाहिए।

विशेष ध्यान रहे कि चंद्रमा की दिव्य किरणों में रखी हुई खीर का सेवन करने से केवल सांसारिक लाभ ही नहीं, अपितु आध्यात्मिक समृद्धि, मानसिक शांति और जीवन में दिव्यता का भी अनुभव होता है। शरद पूर्णिमा न केवल प्राकृतिक चक्र का उत्सव है, बल्कि यह आत्मा और भौतिक जगत के सामंजस्य का दिव्य उपहार भी है। इस वर्ष की शरद पूर्णिमा अपने साथ अमृत वर्षा, समृद्धि और मंगलमय जीवन का अद्भुत संदेश लेकर आ रही है।