Vishwakarma Puja 2025: विश्वकर्मा पूजा आज, सीएम नीतीश ने दी शुभकामनाएं, जानिए शुभ मुहूर्त, विशेष संयोग और महत्व
Vishwakarma Puja 2025: देशभर में आज विश्वकर्मा पूजा धूमधाम से मनाया जा रहा है। सीएम नीतीश ने भी देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं दी है। आइए जानते हैं विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त...
Vishwakarma Puja 2025: देशभर में आज विश्वकर्मा पूजा मनाया जा रहा है। देशभर में विश्वकर्मा जयंती भी धूमधाम से मनाई जा रही है। मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। इन्हें शिल्पकार और यंत्रों का देवता माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ने सतयुग में स्वर्गलोक, त्रेतायुग में लंका, द्वापर युग में द्वारका और कलियुग में जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियां निर्मित की थीं। बिहार, बंगाल और झारखंड समेत कई राज्यों में इस पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन अस्त्र-शस्त्र और औजारों की पूजा भी की जाती है।
सीएम नीतीश ने दी शुभकामनाएं
सीएम नीतीश ने देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने लिखा कि, "विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर राज्य के सभी श्रमिक भाई-बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह सृजन के प्रणेता भगवान विश्वकर्मा की आराधना का दिवस है। आज राज्य जिस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में तरक्की के नए आयामों को छू रहा है उसमें हमारे श्रमिक भाई-बहनों का अतुलनीय योगदान है। मैं आशा करता हूं कि सभी श्रमिक बंधु एवं श्रम संगठन राज्य के औद्योगिक विकास एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। मेरा विश्वास है कि सभी श्रमिक भाई-बहनों के सहयोग से राज्य निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगा"।
शुभ मुहूर्त और योग
इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जा रही है। खास बात यह है कि इस दिन शिव-गौरी योग भी बन रहा है, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया है। सूर्यदेव आज देर रात 1 बजकर 55 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। पुण्य काल- सुबह 5:36 बजे से 11:44 बजे तक, महा पुण्य काल- सुबह 5:36 बजे से 7:39 बजे तक। पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 7:50 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक। अगर यह समय चूक जाए तो शाम 6 बजे तक पूजा की जा सकती है।
विश्वकर्मा पूजा मंत्र
ॐ आधार शक्तपे नमः
ॐ कूमयि नमः
ॐ अनन्तम नमः
ॐ पृथिव्यै नमः
ॐ धराधराय नमः
ॐ स्थूतिस्माय नमः
ॐ विश्वरक्षकाय नमः
ॐ दुर्लभाय नमः
ॐ स्वर्गलोकाय नमः
ॐ पंचवकत्राय नमः
ॐ विश्वलल्लभाय नमः
ॐ धार्मिणे नमः