बिहार में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, राजनीतिक दल के पक्ष में प्रचार करने वाले शिक्षक को किया गया सस्पेंड
Bihar Teacher News: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्त कदम उठाया है।
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्त कदम उठाया है। अररिया जिला के नरपतगंज प्रखंड के खाब्दह डुमरिया स्थित मध्य विद्यालय में कार्यरत विशिष्ट शिक्षक ओमप्रकाश यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, शिक्षक पर आरोप है कि उन्होंने एक राजनीतिक दल के पक्ष में प्रचार-प्रसार किया, नेताओं के साथ तस्वीरें साझा की और सोशल मीडिया पर पक्षपातपूर्ण टिप्पणियां की। यह कार्रवाई बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत की गई है।
जांच में पाया गया कि ओमप्रकाश यादव ने अपने फेसबुक अकाउंट पर राजनीतिक दल के नेताओं के साथ फोटो साझा की और संबंधित दल के पक्ष में टिप्पणियां कीं। शिक्षा विभाग ने इसे शिक्षक आचरण और विभागीय नियमों के खिलाफ माना। ऐसे कृत्यों को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने त्वरित निलंबन आदेश जारी किया।
निलंबन अवधि में, शिक्षक को प्रखंड संसाधन केंद्र, कुर्साकांटा में मुख्यालय के रूप में रहना होगा। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, उनके खिलाफ आरोप पत्र प्रपत्र 'क' जारी किया गया है, जिसके आधार पर आगे की विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया में आदर्श आचार संहिता का पालन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है। शिक्षक जैसे जिम्मेदार पद पर कार्यरत व्यक्ति से इस प्रकार का आचरण अपेक्षित नहीं है। विभाग का कहना है कि ओमप्रकाश यादव का कृत्य न केवल आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि शिक्षक समुदाय की गरिमा को भी प्रभावित करता है।
निलंबन के साथ ही विभाग ने उनके खिलाफ गहन जांच शुरू कर दी है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो शिक्षक को और कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। अन्य कर्मचारियों को भी चेतावनी दी गई है कि वे निर्णय लेने और निष्पक्ष रहने में कोई कमी न बरतें और किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल न हों।
इस कार्रवाई के माध्यम से जिला शिक्षा विभाग ने स्पष्ट संदेश दिया है कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विशेष रूप से शिक्षकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने आचरण से समाज में एक आदर्श प्रस्तुत करें। इस घटना ने अन्य सरकारी कर्मचारियों को भी सतर्क कर दिया है कि वे अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा और निष्पक्षता के साथ करें।