Bihar Education News:बिहार के छात्र, शिक्षक सीखेंगे 22 भाषाएं, इन उपाधियों से होंगे सम्मानित
Bihar Education News: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की पहल पर बिहार के सभी विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रम में छात्र, शिक्षक, कर्मचारियों के साथ-साथ अभिभावकों और बाहरी व्यक्तियों को विभिन्न भारतीय भाषाओं की पढ़ाई का अवसर देंगे।
Bihar Education News:भारतीय भाषाओं के संवर्द्धन के लिए विश्वविद्यालयों में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की पहल पर सभी विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रम में छात्र, शिक्षक, कर्मचारियों के साथ-साथ अभिभावकों और बाहरी व्यक्तियों को विभिन्न भारतीय भाषाओं की पढ़ाई का अवसर देंगे। इसका उद्देश्य लोगों को अपनी मातृभाषा के साथ ही दूसरी क्षेत्रीय और अनुसूचित भारतीय भाषाओं का ज्ञान हासिल करने का मौका देना है।
इस पहल के तहत छात्रों को इंसेंटिव मिलेगा और शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार में वेटेज दिया जाएगा। सभी विश्वविद्यालय इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। यह कार्यक्रम भाषा क्षमता संवर्द्धन कोर्स के रूप में चलाया जाएगा और इसमें बेसिक, इंटरमीडिएट और एडवांस्ड तीन स्तर होंगे। छात्रों को इस कोर्स में क्रेडिट हासिल करने की सुविधा भी दी जाएगी।
छात्र अपनी क्षेत्रीय या मातृभाषा के अलावा कोई भी एक अतिरिक्त भाषा सीख सकेंगे। पाठ्यक्रम में शामिल 22 भाषाओं में असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधि, तमिल, तेलगु और उर्दू शामिल हैं। स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तर पर इन भाषाओं के लिए अलग-अलग कोर्स तैयार किए जाएंगे। स्नातक स्तर पर तीन माइनर कोर्स और क्रेडिट फ्रेमवर्क लागू होगा। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS) के तहत छात्र एक संस्थान से दूसरे संस्थान में क्रेडिट ट्रांसफर कर पाएंगे।
छात्रों के लिए उम्र सीमा 16 वर्ष और इंटरमीडिएट पास होना जरूरी है, जबकि आईटीआई छात्रों को आयु सीमा में छूट दी जाएगी। प्रत्येक छात्र एक क्षेत्रीय और दो अन्य भारतीय भाषाओं का ज्ञान हासिल कर सकेगा।
इस पहल के तहत संस्थान भाषा ट्रेनर तैयार करेंगे, जिन्हें भाषा गुरु कहा जाएगा। पाठ्यक्रम पूरा करने वाले विद्यार्थियों और अन्य प्रतिभागियों को भाषा दूत, भाषा मित्र, भाषा प्रेरक और लिपि गौरव जैसी उपाधियां दी जाएंगी।
इसके अलावा, हर साल 11 दिसंबर को भारतीय भाषा उत्सव मनाया जाएगा। इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वालों को दीक्षांत समारोह और उत्सव में सम्मानित किया जाएगा। यह पहल भारतीय भाषाओं की पढ़ाई और संरक्षण के लिए एक नई दिशा और प्रेरणा देने वाली साबित होगी।