Bihar teacher News: कस्तूरबा विद्यालय के गालीबाज वार्डेन का काला कारनामा, शिक्षिका की बेरहमी से पिटाई, CCTV फुटेज वायरल होते ही मचा कोहराम
अरेराज स्थित कस्तूरबा बालिका विद्यालय से निकला यह सनसनीखेज मामला पूरे जिले में आग की तरह फैल गया है।...
Bihar teacher News: कस्तूरबा बालिका विद्यालय से निकला यह सनसनीखेज मामला पूरे जिले में आग की तरह फैल गया है। तालीम के इस मकाम में जहां बच्चियों को इल्म, अदब और तहज़ीब सिखाई जानी चाहिए, वहीं एक वार्डेन की गाली-गलौज, मारपीट और वहशीपन ने पूरे सिस्टम के दामन को दागदार कर दिया है। वाइरल CCTV फुटेज में वार्डेन को एक शिक्षिका के साथ बेहिसाब मारपीट करते, गालियों की बौछार करते और मोबाइल छीनने की कोशिश करते साफ देखा जा सकता है। वार्डेन की ज़बान से निकली अश्लील गालियाँ सुनकर आम लोगों के दाँत खट्टे हो गए और सोशल मीडिया पर वीडियो देखते ही लोग भड़क उठे। मोतीहारी के अरेराज स्थित कस्तूरबा बालिका विद्यालय का यह मामला वायरल है लेकिन वीडियो की पुष्टि न्यूज4नेशन नहीं करता है।
फुटेज में यह भी दिख रहा है कि झगड़े के दौरान वहाँ मौजूद दो महिलाएं किसी तरह दोनों को छुड़ाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन वार्डेन की गुस्सैल हरकतें किसी आतंकी तेवर से कम नहीं लग रही थीं। सोशल मीडिया पर लोग तंज कसते हुए लिख रहे हैं कि “इतनी गालीबाज वार्डेन तो बच्चियों को तालीम नहीं, गाली की ट्रेनिंग देती होगी”, वहीं कुछ लोग वार्डेन की हरकत को समाज को दूषित करने वाला अपराध बता रहे हैं।
बताया जा रहा है कि शिक्षिका के पास वार्डेन की कुछ करतूतों का वीडियो था। इसकी भनक लगते ही वार्डेन बेकाबू हो गई और सबूत मिटाने की नीयत से शिक्षिका पर टूट पड़ी। वार्डेन द्वारा मोबाइल छीनने और मारपीट की कोशिश ने मामले को और संगीन बना दिया। मौके पर विद्यालय के लेखपाल और अन्य कर्मियों ने किसी तरह झगड़ा शांत कराया, मगर CCTV फुटेज ने कस्तूरबा विद्यालय की संपूर्ण व्यवस्था की कलई खोलकर रख दी।
वहीं, अरेराज कस्तूरबा विद्यालय के संचालक अरविंद दुबे ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस को बुलाया गया। पुलिस के पहुंचने पर वार्डेन ने शिक्षिका को कमरे से छोड़ा। वार्डेन से स्पष्टीकरण मांगा गया और उसने गाली-गलौज व मारपीट की बात कबूल भी कर ली है। पूरे मामले की रिपोर्ट डीपीओ SSA को भेज दी गई है, और अब वार्डेन पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।
बहरहाल यह वारदात शिक्षा के नाम पर चल रहे संस्थानों की सुरक्षा, अनुशासन और नैतिकता पर गहरी चोट करती है और सवाल उठाती है कि बच्चियों की हिफाज़त आखिर किसके हाथ में है?
रिपोर्ट- हिमांशु कुमार