Bihar Teacher News: शिक्षक की मौत के बाद प्राचार्य पर एफआईआर, खाने की शिकायत पर जुर्माना बना मौत की वजह!

Bihar Teacher News: ट्रेनिंग के दौरान शिक्षक मनोज कुमार की हार्ट अटैक से हुई मौत ने ऐसा तूफ़ान खड़ा किया है कि शिक्षा महकमे से लेकर सियासत तक हिल गई है।

Bihar Teacher News: शिक्षक की मौत के बाद प्राचार्य पर एफआईआर- फोटो : X

Bihar Teacher News: शेखपुरा जिले में शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र यानी डायट अब शिक्षा की नहीं, बल्कि कष्टदायक व्यवहार और सवालों का अड्डा बनता नज़र आ रहा है। ट्रेनिंग के दौरान शिक्षक मनोज कुमार की हार्ट अटैक से हुई मौत ने ऐसा तूफ़ान खड़ा किया है कि शिक्षा महकमे से लेकर सियासत तक हिल गई है। मृतक के भाई अजीत कुमार की शिकायत पर सदर थाना में डायट के प्राचार्य डॉ. शुशांत सौरव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में संगीन आरोप लगाए गए हैं कि मनोज कुमार ने दो दिन पहले मेस में घटिया और नाकाफ़ी खाना मिलने की शिकायत की थी। इसी शिकायत को अपनी तौहीन समझकर प्राचार्य ने शिक्षक को निशाने पर ले लिया, कथित तौर पर मानसिक प्रताड़ना की गई और 4 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया गया। आरोप है कि इस दबाव, अपमान और तनाव ने शिक्षक की सेहत को तोड़ दिया और बुधवार देर शाम हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।

मनोज कुमार शेखपुरा के सिरारी गांव के रहने वाले थे और डायट में प्रशिक्षण ले रहे थे। उनकी मौत की खबर फैलते ही प्रशिक्षण केंद्र में भूचाल आ गया। रात में ही अन्य प्रशिक्षु शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया, हालात इतने बिगड़े कि प्राचार्य को सेंटर छोड़कर निकलना पड़ा। अब चर्चा है कि प्राचार्य लंबी छुट्टी पर चले गए हैं, जबकि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने फिलहाल सभी तरह के प्रशिक्षण पर रोक लगा दी है। पुलिस के मुताबिक एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की तफ्तीश शुरू हो चुकी है।

इधर, यह मामला अब सियासी रंग भी पकड़ चुका है। जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष भुवनेश्वर प्रसाद ने शिक्षक को प्रताड़ित करने वाले प्राचार्य पर सख़्त कार्रवाई की मांग की है। बीपीएससी आंदोलन में चर्चा में रहे छात्र नेता दिलीप कुमार ने इसे सीधे तौर पर हत्या करार दिया है। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित बिक्रम शेखपुरा पहुंचे और डायट जाकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने खुलासा किया कि प्राचार्य ने अब तक 86 शिक्षकों पर जुर्माना लगाया है। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो एक दिन की हड़ताल और आंदोलन होगा।

वहीं, डायट प्राचार्य अपनी सफाई में कहते हैं कि ट्रेनिंग विभागीय मापदंडों के अनुसार चल रही थी, कुछ शिक्षक सिर्फ हाजिरी बनाकर चले जाना चाहते थे, इसलिए सख्ती की गई। उनका दावा है कि हादसे में उनका कोई रोल नहीं और शिक्षक पहले से दिल की बीमारी से ग्रसित थे। अब सवाल यह है कि यह महज़ इत्तेफाक़ी मौत थी या शिक्षा के नाम पर की गई ज़्यादती का अंजाम इसका फ़ैसला जांच और अदालत के कटघरे में होगा।