Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अमीरों की बारात, 73 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति, एनडीए ने मारी बाज़ी, माले के क्यामुद्दीन सबसे गरीब
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अमीरों की भरमार है। चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्रों से खुलासा हुआ है कि...
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अमीरों की भरमार है। चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्रों से खुलासा हुआ है कि 18 जिलों की 121 सीटों पर मैदान में उतरे उम्मीदवारों में से 73 फीसदी यानी 178 उम्मीदवार करोड़पति हैं।सिर्फ 35 प्रतिशत यानी 65 उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ से कम है।
राजनीति के इस ‘धनबल’ मुकाबले में एनडीए गठबंधन आगे दिखाई दे रहा है उसके 92 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जबकि महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) के 86 उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ रुपये से ऊपर है।
लखपति उम्मीदवारों की संख्या 64 है, जिनमें 35 इंडिया गठबंधन और 29 एनडीए के हैं।दिलचस्प बात यह कि इंडिया गठबंधन के लखपतियों में 14 उम्मीदवार वाम दलों से आते हैं।
बरबीघा सीट से जदयू के कुमार पुष्पंजय इस चरण के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। उनके पास कुल 71.57 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है। वहीं, आरा विधानसभा सीट से माले के क्यामुद्दीन अंसारी इस दौड़ में सबसे गरीब उम्मीदवार हैं जिनकी कुल संपत्ति मात्र ₹37,000 बताई गई है।क्यामुद्दीन के पास कोई अचल संपत्ति नहीं है, और उनके परिवार के नाम पर भी कोई संपत्ति दर्ज नहीं है।
पहले चरण के टॉप-5 अमीर उम्मीदवारों में नाम इस प्रकार हैं —
1.कुमार पुष्पंजय (जदयू, बरबीघा) – ₹71.57 करोड़
2. देव कुमार चौरसिया (राजद, हाजीपुर) – ₹67 करोड़
3. सिद्धार्थ सौरभ (भाजपा, बिक्रम) – ₹42.87 करोड़
4.अरुण कुमार गुप्ता (राजद, बड़हरिया) – ₹40.9 करोड़
5.अनंत सिंह (जदयू, मोकामा) – ₹37.88 करोड़
दूसरी ओर, गरीब उम्मीदवारों की सूची भी उतनी ही दिलचस्प है।
हायाघाट से माकपा उम्मीदवार श्याम भारती के पास कुल ₹39,000 की संपत्ति है। उनके पास केवल एक पुरानी मोटरसाइकिल है। हालांकि, उनकी पत्नी के पास ₹2.36 लाख की चल और ₹55.63 लाख की अचल संपत्ति दर्ज है।वहीं, अगिआंव से भाजपा के महेश पासवान ने सिर्फ ₹55,000 की चल संपत्ति बताई है, जबकि उनके पास आठ लाख रुपये मूल्य की कृषि भूमि है।दरौली सीट से लोजपा (रा) के विष्णुदेव पासवान के पास ₹3.62 लाख की संपत्ति बताई गई है।
इस तरह पहले चरण की तस्वीर साफ़ है धनबल और जनबल का संगम इस बार के बिहार चुनाव में खुलकर दिख रहा है।एक तरफ करोड़ों की संपत्ति वाले उम्मीदवार ताक़त का प्रदर्शन कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ कुछ नेता अब भी सिर्फ भरोसे और विचारधारा के दम पर मैदान में हैं।