Bihar Vidhansabha Chunav2025:देश की सबसे आधुनिक और सुरक्षित ईवीएम से होगा बिहार विधानसभा चुनाव, 10,400 स्पेशल इवीएम आवंटित, जानिए मशीन की क्या है खासियत

Bihar Vidhansabha Chunav2025:बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 10,400 नए विशेष इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाईबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवी पैट) हैदराबाद से आएंगे।

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सबसे आधुनिक और सुरक्षित ईवीएम से होगा विधानसभा चुनाव- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav2025:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में इस बार कई नए तकनीकी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मुज़फ्फरपुर जिले में पहली बार देश की सबसे उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) – M-3 मॉडल का प्रयोग किया जाएगा। चुनाव आयोग ने इसके लिए 10,400 नई ईवीएम मशीनें जिले के लिए आवंटित की हैं।

मुजफ्फरपुर जिले में विधानसभा चुनाव के लिए 10,400 नए विशेष इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाईबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवी पैट) हैदराबाद से आएंगे। चुनाव आयोग ने इन मशीनों को सुरक्षित और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए आवंटित किया है। यह ईवीएम, जिसे एम-3 कहा जाता है, देश का सबसे उन्नत ईवीएम माना जाता है और इसका उपयोग पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव में किया जाएगा। इससे पहले, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी इन मशीनों का प्रयोग किया गया था।

चुनाव कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन मशीनों में बैलेट यूनिट , कंट्रोल यूनिट  और वीवीपैट  शामिल होंगे। ये सभी उपकरण 21 अप्रैल तक जिले के वेयरहाउस में पहुँच जाएंगे, जहां से इनकी जांच और तैयारियों की प्रक्रिया शुरू होगी।नए एम-3 ईवीएम में कई सुरक्षा सुविधाएँ शामिल हैं जो इसे पिछले मॉडलों की तुलना में अधिक सुरक्षित बनाती हैं। इनमें एन्क्रिप्शन और अन्य तकनीकी सुरक्षा उपाय शामिल हैं, जो अनधिकृत पहुंच और छेड़छाड़ को रोकने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें मतदाता की पहचान को मजबूत करने के लिए वीवीपीएटी एकीकृत किया गया है, जो एक पर्ची छापता है जिससे मतदाता यह सत्यापित कर सकते हैं कि उनका वोट सही ढंग से दर्ज हुआ है।

M-3 ईवीएम को मौजूदा समय में देश की सबसे आधुनिक और सुरक्षित ईवीएम माना जाता है। यह मशीन कई उन्नत तकनीकों से लैस है। टैंपर डिटेक्शन फीचर, जिससे किसी भी छेड़छाड़ की कोशिश तुरंत पकड़ में आ जाती है।सेल्फ डायग्नोस्टिक सिस्टम, जो किसी भी तकनीकी खराबी का स्वत: पता लगा सकता है।फुली टेम्पर-प्रूफ तकनीक, जिससे यह मशीन अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनती है।

इन मशीनों का वितरण 21 अप्रैल तक बीयू, सीयू और वीवी पैट वेयरहाउस में पूरा हो जाएगा। इसके बाद, 25 मई से फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएसएल) शुरू होगी, जो 32 दिनों तक चलेगी। इस कार्य के लिए 25 इंजीनियरों की टीम जिम्मेदार होगी। चुनाव से पहले एफएसएल किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मशीनें सही तरीके से काम कर रही हैं।

विधानसभा चुनाव की तैयारी के अंतर्गत मुज़फ्फरपुर जिले से समस्तीपुर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और शिवहर को कुल 5,650 ईवीएम सेट भेजे जाएंगे। इन जिलों के लिए भी आवश्यक लॉजिस्टिक और तकनीकी तैयारियाँ की जा रही हैं।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि M-3 ईवीएम का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और सुरक्षित बनाना है। इस मशीन के माध्यम से मतदान में किसी भी तरह की गड़बड़ी या विवाद की संभावना को न्यूनतम किया जा सकेगा।


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