Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बीजेपी के बागी विधायक रामसूरत राय ने मंच से नित्यानंद राय को दी चुनौती, कहा- समय पर सबक सिखाऊंगा
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: मुजफ्फरपुर के औराई विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के वर्तमान बागी विधायक रामसूरत राय ने खुले मंच से केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और मुजफ्फरपुर के वर्तमान सांसद तथा केंद्रीय राज्य मंत्री जल शक्ति राज भूषण निषाद को खुली चु
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: मुजफ्फरपुर के औराई विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के वर्तमान बागी विधायक रामसूरत राय ने खुले मंच से केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और मुजफ्फरपुर के वर्तमान सांसद तथा केंद्रीय राज्य मंत्री जल शक्ति राज भूषण निषाद को खुली चुनौती दी है। रामसूरत राय ने कहा कि समय आने पर वह सबक सिखाने का काम करेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बीजेपी ने जो प्रत्याशियों की सूची जारी की थी, उसमें कई वर्तमान विधायकों का टिकट काट दिया गया और उनकी जगह नए उम्मीदवारों को मौका दिया गया। इसी कड़ी में औराई सीट से रामसूरत राय का टिकट भी काटा गया था। इसके बाद एक ओर जहां रामसूरत राय की नाराजगी तेज़ थी, वहीं उनके समर्थकों ने पटना से लेकर मुजफ्फरपुर तक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मामला जब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुँचा, तो गृह मंत्री अमित शाह ने संज्ञान लिया और रामसूरत राय को पटना बुलाकर उनसे मुलाकात की। इस बैठक के बाद रामसूरत राय की नाराजगी शांत हुई और उन्होंने वर्तमान बीजेपी प्रत्याशी रामा निषाद के साथ मंच साझा किया। औराई के मतदाताओं से उन्होंने रामा निषाद को जीताने की अपील भी की।
लेकिन इसी बीच रामसूरत राय ने मंच से अपने ही पार्टी के नेताओं नित्यानंद राय और राज भूषण निषाद को लेकर सख़्त शब्दों में संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि जिन्होंने उनका पाला-पोसा, उन्हें अपना छोटा भाई माना, वही गद्दार निकला। रामसूरत राय ने यह भी आरोप लगाया कि जब बीजेपी के शीर्ष नेताओं के सामने बात आई, तो राज भूषण निषाद ने उनके पक्ष में सही शब्द नहीं कहे, बल्कि उल्टा बोलने की कोशिश की।
मंच पर रामसूरत राय के संबोधन में साफ़ था कि उनका उद्देश्य केवल नाराजगी दिखाना नहीं, बल्कि आने वाले समय में राजनीतिक सबक देने का इशारा था। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की अंदरूनी राजनीति में कभी-कभी वफादारी और विश्वासघात के बीच अंतर करना मुश्किल होता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस प्रकार के सार्वजनिक बयान पार्टी नेतृत्व के लिए चुनौतीपूर्ण संकेत हैं। रामसूरत राय ने मंच से स्पष्ट किया कि वह समय आने पर किसी भी तरह की कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे और यह संदेश बीजेपी के भीतर संतुलन बनाए रखने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
मुजफ्फरपुर औराई विधानसभा क्षेत्र में इस घटना के बाद चुनावी माहौल और गरम हो गया है। पार्टी कार्यकर्ता, समर्थक और मतदाता इस बयान को लेकर चर्चा कर रहे हैं, और यह साफ़ है कि रामसूरत राय ने अपने राजनीतिक अंदाज़ और व्यक्तिगत आक्रोश को जनता के सामने पूरी तरह उजागर कर दिया है।
रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा