बिहार की सियासत में मोंथा तूफान का असर, चुनाव प्रचार के लिए नहीं उड़ सका नीतीश और तेजस्वी का हेलीकॉप्टर, ऐसे पहुंचेंगे कार्यक्रम स्थल
Bihar Election 2025: बिहार चुनाव के बीच बंगाल की खाड़ी से उठा मोंथा तूफान ने अब सियासत में भी असर डालना शुरु कर दिया है। मौसम खराब होने के कारण कई नेताओं का हेलीकॉप्टर चुनाव प्रचार के लिए नहीं उड़ सका है।
Bihar Election 2025: बिहार में चुनावी माहौल चरम पर है, लेकिन मोंथा तूफान के असर से बिगड़े मौसम ने नेताओं के चुनाव प्रचार की रफ्तार थाम दी है। लगातार बारिश और तेज हवाओं के कारण कई जगहों पर हेलीकॉप्टर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे नेताओं को अपने कार्यक्रमों में बदलाव करना पड़ा। मौसम खराब होने के कारण नेताओं के हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं जिसके कारण तय समय पर नेता कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। बता दें कि पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी ताकत दिखा रहा है।
नीतीश कुमार ने बदली रणनीति
जानकारी अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शुक्रवार को समस्तीपुर, दरभंगा और मधुबनी में छह चुनावी सभाओं को संबोधित करना था। लेकिन खराब मौसम की वजह से उनका हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। इसके बाद उन्होंने तुरंत रणनीति बदली और सड़क मार्ग से ही चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़े। नीतीश कुमार के साथ जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा भी मौजूद हैं।
संजय झा के घर रात्रि विश्राम करेंगे सीएम नीतीश
उन्होंने बताया कि, मौसम खराब जरूर है, लेकिन मुख्यमंत्री ने तय किया कि प्रचार बाधित नहीं होना चाहिए। इसलिए हम सड़क मार्ग से निकल गए हैं। बता दें कि, नीतीश कुमार रास्ते में रोड शो भी कर रहे हैं ताकि जनता से सीधे संपर्क बना सकें और एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में वोट मांग सकें। दिनभर के प्रचार अभियान के बाद वे रात में अररिया स्थित संजय झा के संग्राम निवास पर विश्राम करेंगे।
तेजस्वी यादव की उड़ान भी टली
वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव की चुनावी उड़ान भी मौसम की भेंट चढ़ गई। उन्हें सुबह साढ़े नौ बजे हेलीकॉप्टर से प्रचार अभियान पर निकलना था, लेकिन खराब मौसम के कारण वे अब तक रवाना नहीं हो सके। तेजस्वी के अलावा कई अन्य नेताओं की चुनावी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। गौरतलब हो कि, मोंथा तूफान के कारण बिहार में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश और 50 किमी/घंटा तक की तेज हवाएं चल रही हैं। इससे जहां सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है, वहीं चुनावी सभाएं और नेताओं की यात्राएं भी बाधित हो गई हैं।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                     
                     
                     
                    