BJP manifesto:एनडीए का संकल्प पत्र जारी, एक करोड़ नौकरियां, नीतीश-नड्‌डा ने लखपति दीदी, मुफ्त शिक्षा और सीतापुरम का किया वादा, वादों से इरादों तक टकराई एनडीए -महागठबंधन की सियासी सोच

राजनीतिक मैदान में आज बिहार की सियासत एक नए मोड़ पर पहुँच गई, जब एनडीए ने अपना संकल्प पत्र जारी कर चुनावी समर का शंखनाद कर दिया। इससे पहले महागठबंधन ने 28 अक्टूबर को ही अपना घोषणापत्र पेश कर जनता के सामने अपनी नीयत और नीति रख दी थी

वादों से इरादों तक टकराई एनडीए -महागठबंधन की सियासी सोच- फोटो : social Media

BJP manifesto: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच शुक्रवार को पटना के होटल मौर्या में एनडीए गठबंधन ने अपना चुनावी संकल्प पत्र जारी किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, लोजपा(रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान और जीतनराम मांझी की मौजूदगी में पेश हुए इस घोषणापत्र में बिहार के लिए एक नया विकसित और आत्मनिर्भर युग लाने का दावा किया गया।

संकल्प पत्र के प्रमुख वादे  नौकरियां, महिलाएं और शिक्षा पर फोकस

एनडीए ने अपने घोषणापत्र में 1 करोड़ से अधिक नौकरियों और रोजगार के अवसर देने का वादा किया है। साथ ही 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। महिलाओं को 2 लाख रुपए तक की सहायता राशि देने और मिशन करोड़पति के तहत महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने की योजना पेश की गई है।

गरीब परिवारों के बच्चों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा की गई है। साथ ही हर जिले में मॉडल स्कूल, आवासीय स्कूल, और आधुनिक स्किल लैब स्थापित करने का संकल्प लिया गया है।

किसान और मजदूर नई योजनाओं से जुड़े वादे

किसानों के लिए कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि की शुरुआत की जाएगी, जिसके तहत उन्हें हर साल ₹3,000 यानी कुल ₹9,000 की सहायता दी जाएगी। फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी, ₹1 लाख करोड़ के एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश और मत्स्य-दुग्ध मिशन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की बात कही गई।

अतिपिछड़ा वर्ग और समाजिक न्याय की दिशा में संकल्प

एनडीए ने विभिन्न अतिपिछड़े वर्गों  तांती, निषाद, केवट, बिंद, नोनिया, मल्लाह, तेली, कुम्हार, लोहार आदि  को ₹10 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित करने का वादा किया गया है, जो जातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आकलन करेगी।

औद्योगिक क्रांति और निवेश का खाका

घोषणापत्र में बिहार को ‘इंडस्ट्रियल पावरहाउस’ बनाने की बात कही गई है।विकसित बिहार औद्योगिक मिशन के तहत ₹1 लाख करोड़ का निवेश, हर जिले में फैक्ट्री, 10 नए औद्योगिक पार्क, और आईटी, सेमीकंडक्टर, डिफेंस कॉरिडोर जैसी आधुनिक परियोजनाओं की घोषणा की गई।साथ ही बिहार को ग्लोबल बैक-एंड हब और “न्यू-एज इकोनॉमी सेंटर” के रूप में विकसित करने के लिए ₹50 लाख करोड़ के निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।

शहरी विकास, मेट्रो और सीतापुरम विज़न

एनडीए ने अगले पांच सालों में पटना, गया, दरभंगा और भागलपुर में मेट्रो सेवा शुरू करने का ऐलान किया।मां जानकी मंदिर को विश्वस्तरीय धार्मिक स्थल के रूप में विकसित कर ‘सीतापुरम’ नामक आध्यात्मिक नगरी बनाने की योजना सामने रखी गई।

गरीबों के लिए ‘पंचामृत’ गारंटी

एनडीए ने अपने संकल्प पत्र में गरीबों के लिए पांच गारंटी दी -मुफ्त राशन, 125 यूनिट मुफ्त बिजली, 5 लाख तक मुफ्त इलाज, 50 लाख पक्के मकान और सामाजिक सुरक्षा पेंशन।

‘फ्लड टू फॉर्च्यून’ और कला-संस्कृति मिशन

बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए “फ्लड रेज़िलिएंस बोर्ड” की घोषणा की गई, जो जल संरक्षण और मत्स्य पालन को जोड़कर अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा।कला और संस्कृति के मोर्चे पर “शारदा सिन्हा कला एवं सांस्कृतिक विश्वविद्यालय” और “बिहार फिल्म सिटी” की स्थापना की बात कही गई।

संकल्प पत्र जारी होते ही सियासी संदेश साफ़

संकल्प पत्र जारी करने के बाद मंच से नीतीश कुमार, नड्डा, चिराग और मांझी तुरंत चुनावी प्रचार के लिए रवाना हो गए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अकेले सम्राट चौधरी ने मीडिया को घोषणाओं का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि यह संकल्प पत्र सिर्फ वादों का नहीं, बल्कि विश्वास का दस्तावेज़ है  बिहार अब पिछड़ेपन से आगे बढ़कर ‘विकसित प्रदेश’ बनेगा।

एनडीए ने इस बार का घोषणापत्र पूरी तरह “रोजगार, महिला सशक्तिकरण और धार्मिक पहचान” पर केंद्रित रखा है। जहां एक ओर यह युवाओं को नौकरी का भरोसा देता है, वहीं सीता नगरी के ज़रिए भावनात्मक जुड़ाव भी साधता है। विपक्ष अब इस पर क्या प्रतिक्रिया देगा यही देखना दिलचस्प होगा।

राजनीतिक मैदान में आज बिहार की सियासत एक नए मोड़ पर पहुँच गई, जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन  ने अपना संकल्प पत्र जारी कर चुनावी समर का शंखनाद कर दिया। इससे पहले महागठबंधन ने 28 अक्टूबर को ही अपना घोषणापत्र पेश कर जनता के सामने अपनी नीयत और नीति रख दी थी। तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनका हर वादा दिल से लिया गया संकल्प है ऐसा इरादा, जिसे निभाने के लिए वे हर कीमत अदा करने को तैयार हैं। उन्होंने जोश में कहा, “हमारा प्रण है, इसे निभाने के लिए प्राण भी देने पड़ें तो देंगे।” अब बिहार की राजनीति में यह जंग सिर्फ वादों की नहीं, बल्कि विश्वास बनाम वचन, संकल्प बनाम प्रण की बन चुकी है। जनता की निगाह अब इस पर है कि कौन अपने अल्फ़ाज़ को अमल में बदलता है।

रिपोर्ट- नरोत्तम कुमार सिंह