Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सीवान की सियासत में नई हलचल, मंगल-ओसामा की एंट्री से बदले समीकरण, आठ सीटों पर दिग्गजों और नए चेहरों में कांटे की टक्कर
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीवान जिला एक बार फिर सियासी सुर्खियों में है।...
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीवान जिला एक बार फिर सियासी सुर्खियों में है। यह ज़िला हमेशा से राजनीतिक परिवारों और प्रभावशाली नेताओं का गढ़ रहा है, लेकिन इस बार का चुनाव यहां नई पीढ़ी के चेहरों और गठबंधन के फेरबदल के कारण पहले से कहीं ज़्यादा दिलचस्प बन गया है।
सीवान की आठ विधानसभा सीटों पर इस बार का मुकाबला बेहद रोमांचक है। पिछले चुनाव में महागठबंधन ने छह सीटों पर कब्ज़ा किया था, जबकि राजग (एनडीए) को सिर्फ़ दो सीटें मिली थीं। अब समीकरण बदल चुके हैं लोजपा (रामविलास) के एनडीए के साथ आने से मुकाबला और पेचीदा हो गया है।
सबसे ज़्यादा चर्चा शहाबुद्दीन परिवार की है। दिवंगत बाहुबली नेता के बेटे ओसामा शहाब अब सीधे मैदान में उतर चुके हैं। राजद ने उन्हें रघुनाथपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर उन्होंने मौजूदा विधायक हरि शंकर यादव की जगह ली है। उनके सामने जदयू प्रत्याशी विकास कुमार यादव हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि ओसामा की एंट्री से रघुनाथपुर की लड़ाई अब भावनात्मक और सियासी दोनों मोर्चों पर दिलचस्प हो गई है।
सीवान विधानसभा सीट पर मुकाबला हाई-प्रोफाइल है। पिछली बार राजद के अवध बिहारी चौधरी ने भाजपा के ओम प्रकाश यादव को हराया था। इस बार भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को उतारकर दांव बड़ा खेला है। यहां मोहम्मद कैफ उर्फ बंटी भी निर्दलीय मैदान में हैं, जो समीकरण को तिकोना बना रहे हैं।
जीरादेई सीट पर पिछले चुनाव में भाकपा (माले) के अमरजीत कुशवाहा ने जीत हासिल की थी। अब जदयू ने भीष्म प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है मुकाबला सीधा और सघन है।
महाराजगंज सीट पर पहले कांग्रेस की जीत हुई थी, लेकिन इस बार यह सीट राजद के खाते में गई है। राजद ने विशाल कुमार जायसवाल को उतारा है, जबकि एनडीए से शाह चुनौती दे रहे हैं।
दरौली सीट पर पहले भाकपा (माले) के सत्यदेव राम विजयी रहे थे, लेकिन अब लोजपा (रामविलास) ने यहां विष्णुदेव पासवान को उतारा है दलित वोटों का समीकरण यहाँ निर्णायक रहेगा।
बरहरिया में राजद के अरुण कुमार गुप्ता और जदयू के इंद्र देव सिंह आमने-सामने हैं, जबकि दरौंदा सीट पर भाजपा के करणजीत सिंह और भाकपा (माले) के अमरनाथ यादव के बीच फिर पुरानी जंग दोहराई जा रही है।
सीवान की आठों सीटों पर मुस्लिम, यादव, भूमिहार और अति पिछड़ा वर्ग के वोट निर्णायक हैं।राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस बार सीवान की हवा जातीय समीकरणों से आगे निकलकर नए चेहरों और सियासी छवि पर टिकेगी और यह तय करेगी कि सीवान की सियासत किसकी ओर करवट लेती है।