दिल्ली में महागठबंधन की सियासी हलचल तेज़, सीट बंटवारे पर सहमति के आसार, आज CEC की बैठक में होगा अहम फैसला

Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में सोमवार का दिन राजनीतिक उठापटक और मंथन का केंद्र बना रहा।

आज CEC की बैठक में होगा अहम फैसला- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में सोमवार का दिन राजनीतिक उठापटक और मंथन का केंद्र बना रहा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में बिहार के लिए पार्टी की रणनीति, सीट बंटवारे का फ़ॉर्मूला और संभावित प्रत्याशियों के नामों पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान शामिल रहे।

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में बिहार में कांग्रेस के लिए चिह्नित सीटों की समीक्षा की गई और नेतृत्व को ज़मीनी हालात से अवगत कराया गया। राजेश राम ने बैठक के बाद कहा कि “पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सीट बंटवारे पर विस्तृत जानकारी दी गई है और नेतृत्व प्रदेश इकाई की मांगों के प्रति पूरी तरह सहमत है।”

बैठक समाप्त होने के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच कांग्रेस के वॉर रूम में लंबी बैठक चली, जिसमें सीट शेयरिंग पर लगभग अंतिम सहमति बनने की बात सामने आई है। गठबंधन सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों में सीटों के बंटवारे का खाका लगभग तय हो गया है, बस औपचारिक घोषणा बाकी है।

इस सियासी सरगर्मी के बीच विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक मुकेश सहनी ने भी दिल्ली में डेरा डाल रखा है। कहा जा रहा है कि उन्होंने भी महागठबंधन के शीर्ष नेताओं से संपर्क साधा है और अपने लिए सम्मानजनक सीटों की मांग रखी है।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम मुहर लगाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक मंगलवार को बुलाई गई है, जिसमें उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

दिल्ली में चल रही इन बैठकों से यह साफ़ संकेत मिल रहे हैं कि महागठबंधन की तस्वीर अब लगभग साफ़ है। चुनावी रणभेरी बजने से पहले सीट बंटवारे का मसला निपट जाने के बाद अब हर दल अपने-अपने क़िले मज़बूत करने की तैयारी में जुटा है। बिहार की सियासत में फिलहाल हर मोर्चे पर रणनीति, समीकरण और नेतृत्व का गणित चरम पर है, और राजधानी दिल्ली इस समय बिहार की पूरी राजनीतिक बिसात की दिशा तय कर रही है।