Bihar Vidhansabha Chunav 2025: चुनावी मैदान में पारदर्शिता की मुहिम, बिहार निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों को सिखाया हिसाब-किताब का सबक,हर खर्च का देना होगा हिसाब

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के मद्देनज़र भारत निर्वाचन आयोग अब चुनावी पारदर्शिता को लेकर सख़्त और सक्रिय दोनों नज़र आ रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को जिला समाहरणालय स्थित विकास भवन के डीआरडीए सभाकक्ष में व्यय प्रेक्षक किरण के. छत्रपति (आईआरएस) की अध्यक्षता में प्रत्याशी एवं अभिकर्ता के लिए एक प्रशिक्षण सह समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

व्यय प्रेक्षक छत्रपति ने स्पष्ट कहा कि आयोग अब “एक-एक रुपये का हिसाब” चाहता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्टैटिक सर्विलांस टीम, वीडियो सर्विलांस टीम, वीडियो व्यूइंग टीम और फ्लाइंग स्क्वाड की तैनाती की गई है, जो लगातार चुनावी गतिविधियों की निगरानी कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि यदि किसी अभ्यर्थी को किसी प्रकार की शंका, भ्रम या शिकायत हो, तो वह तत्काल व्यय एवं अनुश्रवण कोषांग से संपर्क कर सकता है। साथ ही यह भी बताया गया कि अवैधानिक खर्च—जैसे शराब वितरण, नकद रिश्वत या वस्तु स्वरूप प्रलोभनकी सूचना देने की सुविधा भी उपलब्ध है। आयोग ऐसी सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई करेगा।

छत्रपति ने आदर्श आचार संहिता के पालन पर विशेष बल देते हुए कहा कि चुनाव प्रचार में भाषा और मर्यादा दोनों का ख़याल रखना ज़रूरी है। किसी भी जाति, धर्म, संप्रदाय या समुदाय पर टिप्पणी करना न केवल अनैतिक बल्कि दंडनीय अपराध है। उन्होंने चेतावनी दी कि मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारे जैसे पूजा स्थलों का राजनीतिक उपयोग सख़्त मना है, और उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई होगी।

कार्यक्रम में प्रशिक्षण कोषांग के वरीय पदाधिकारी एस.एस. पांडे ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 का हवाला देते हुए बताया कि प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव अवधि में किए गए सभी खर्चों का सटीक व संपूर्ण विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने एक विशेष व्यय एवं अनुश्रवण कोषांग गठित किया है, जो प्रत्येक उम्मीदवार के चुनावी लेखा-जोखा की जांच करेगा।

नोडल पदाधिकारी मनोज कुमार साहा ने बताया कि हर प्रत्याशी को जीरो बैलेंस खाता खोलना होगा और सभी चुनावी व्यय इसी खाते से किए जाने होंगे।

चुनाव आयोग ने एक प्रत्याशी के लिए व्यय सीमा 40 लाख रुपये तय की है। इसमें प्रतिदिन 10,000 रुपये तक नकद भुगतान की अनुमति होगी।

साहा ने यह भी कहा कि प्रत्येक खर्च का जीएसटी युक्त पक्का बिल प्रस्तुत करना अनिवार्य है। केवल 200 रुपये तक के खर्च को कच्चे बिल के माध्यम से दिखाया जा सकता है। उन्होंने प्रत्याशियों को आगाह किया कि “किसी भी अनियमित व्यय या छिपे खर्च पर न सिर्फ़ नोटिस बल्कि कार्रवाई भी तय है।”