Delhi Vidhansabha Chunav : दिल्ली में निशाने पर लगेगा नीतीश का तीर! बुराड़ी में जदयू का क्या है समीकरण, जानिए कितने ताकतवर हैं शैलेंद्र कुमार

दिल्ली विधानसबा चुनाव में बुराड़ी सीट पर जदयू की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. यहाँ तीन बार के विधायक और बिहार मूल के संजीव झा आप के प्रत्याशी हैं. वहीं नीतीश कुमार ने शैलेन्द्र कुमार को उम्मीदवार बनाया है जो पिछला चुनाव 88 हजार से ज्यादा वोटों से ह

JDU SHAILENDRA KUMAR
JDU SHAILENDRA KUMAR- फोटो : news4nation

Delhi Vidhansabha Chunav : बिहार से बाहर अन्य राज्यों में जदयू को विस्तार देने की कोशिश में लगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव बेहद अहम है. दिल्ली में एनडीए के घटक दलों के बीच हुए सीट बंटवारे में जदयू को बुराड़ी सीट मिली है. इस बार के चुनाव में जदयू एक मात्र बुराड़ी सीट पर उम्मीदवार उतारी है और शैलेंद्र कुमार को प्रत्याशी बनाया है. दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होगा.ऐसे में चुनाव के पहले अब समीकरण किस दिशा में बने हैं उस पर गौर करें तो बुराड़ी की लड़ाई बेहद खास मानी जा रही है. 



बुराड़ी से तीन बार विधायक रह चुके आम आदमी पार्टी के संजीव झा लगातार चौथी बार जीत की उम्मीद लगाए बैठे हैं. हालांकि क्षेत्र में विकास कार्यों की मंथर गति से मतदाता नाराज बताए जा रहे हैं. जमीनी स्तर पर विकास की धीमी गति दिखती है. इसमें टूटी सड़कें, जाम सीवेज और खराब जल आपूर्ति प्रमुख चिंता का विषय बनी हुई है.इन तमाम चुनौतियों को झेलते हुए संजीव झा को उम्मीद है कि वे पूर्वांचल मतदाता बहुल इस सीट पर अपना जीत का चौका लगाएंगे. इसका एक बड़ा कारण उनका बिहार के मधुबनी जिले से आना और ब्राह्मण होना माना जा रहा है. 


वोटों का समीकरण 

बुराड़ी में मतदाताओं की संख्या 4 लाख 20 हजार 157 है. इसमें बिहार और पूर्वांचल के मतदाता सबसे ज्यादा है. यही कारण है कि आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस तीनों ने इस समीकरण को ध्यान में रखकर उम्मीदवार उतारा है. आप के संजीव झा जहां बिहार के मधुबनी से हैं और ब्राह्मण हैं. वहीं कांग्रेस के मंगेश त्यागी की नजर त्यागी मतदाताओं पर है. बुराड़ी में ब्राह्मण मतदाताओं के बाद दूसरी बड़ी संख्या त्यागी मतदाताओं की है. वहीं जदयू के शैलेन्द्र कुमार भी जाति से कुर्मी बताये जाते हैं. ऐसे में शैलेन्द्र कुमार को संजीव झा के मजबूत ब्राह्मण वोट बैंक के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा त्यागी मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की रणनीति से पार पाना है. 


मोदी-नड्डा ने किया प्रचार 

बुराड़ी की सीट को भाजपा ने प्रतिष्ठा की लड़ाई वाली सीटों में एक माना है. यही कारण है कि यहाँ चुनाव प्रचार करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा तक आए. वहीं जदयू ने अपने दर्जनों नेताओं को चुनाव प्रचार में लगाया ताकि वे बिहार मूल के मतदाताओं तक पहुंच बना सकें. हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार करने दिल्ली नहीं गए. उनके नहीं जाने को आप ने चुनावी मुद्दा भी बनाया और इसे जदयू द्वारा पहले ही बुराड़ी में हार मान लेने का संकेत कहा. 


ब्राह्मण-त्यागी करेंगे खेला 

मतदाताओं के लिहाज से बुराड़ी में सबसे ज्यादा ब्राह्मण मतदाता हैं. वहीं दुसरे नंबर पर त्यागी वोटर्स हैं. ऐसे में इन दोनों वर्गों के मतदाताओं पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए आप और कांग्रेस के प्रत्याशी पहले दिन से लगे हैं. आप के संजीव झा ब्राह्मण हैं. उन्हें पिछले चुनावों में ब्राह्मण वर्ग के मतदाताओं का बड़ा समर्थन मिला था. इसी का नतीजा रहा कि वे तीन बार से जीत हासिल करने में सफल रहे.  2020 में आम आदमी पार्टी के संजीव झा ने बड़ी जीत दर्ज की थी. उन्होंने JD (U) के शैलेंद्र कुमार को 88 हजार 158 वोटों के अंतर से हराया था. तब माना गया कि ब्राह्मण के साथ ही त्यागी वर्ग के वोटरों ने भी बड़े स्तर पर आप उम्मीदवार को समर्थन दिया था. इस बार कांग्रेस ने मंगेश त्यागी को प्रत्याशी बनाकर त्यागी वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश की है. अगर ऐसा हुआ तो संजीव झा के लिए चुनौती बढ़ेगी. वहीं इससे वोटों का समीकरण जदयू के शैलेंद्र के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है. त्रिकोणीय मुकाबले में सजीव झा को अपने लिए करिश्में की उम्मीद है. 


जदयू ने विकास को बनाया मुद्दा 

जदयू ने बिहार मूल के वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने की विशेष कोशिश की है. इसके साथ ही जदयू प्रत्याशी शैलेंद्र शुरू से ही बुराड़ी के विकास को मुद्दा बनाए हुए हैं. जातियों के समीकरण में संजीव झा और मंगेश त्यागी से पीछे माने जाते हैं. इन्ही समीकरणों के कारण वे पिछला चुनाव बड़े अंतर से हार गए थे. इस बार विकास को केंद्र में रखकर वे बुराड़ी में चुनाव में उतरे हैं. इसमें अवैध कॉलोनी की तेजी से बढती संख्या, मूलभूत सुविधाओं और संसाधनों की काफी कमी, पानी की निकासी की सुचारू व्यवस्था नहीं होना, उच्च शिक्षा के लिए संस्थानों की कमी जैसे मुद्दे शामिल हैं. 


5 फरवरी को चुनाव 8 को रिजल्ट 

दिल्ली में सभी 70 विधानसभा क्षेत्र में एक दिन में मतदान होगा. निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव 2025 की वोटिंग होगी और 8 फरवरी को काउंटिंग होगी. 

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