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News4Nation Explainer: कर्ज के जाल में फंसा मिडिल क्लास,लोन चुकाने के लिए लोन,EMI आपके खर्च की सूरत बिगाड़ रहा,कैसे बचें...पढ़िए इन्फोग्राफिक्स के साथ आज का एक्सप्लेनर

News4Nation Explainer: मिडिल क्लास कर्ज के जाल में ऐसे फंसता जाता है कि वो समझ ही नहीं पाता की इससे बाहर कैसे निकलें आज न्यूज फॉर नेशन के एक्सप्लेनर में हम आपको आसान शब्दों में समझाएंगे कि आप इसमें फंसते कैसे हैं और इससे निकलने का सरल रास्ता क्या है।

कर्ज के जाल में फंसा मिडिल क्लास,
Middle class trapped in debt loan - फोटो : News4Nation

News4Nation Explainer: अमीर बनने की ख्‍वाहिश हर किसी में होता है. लेकिन यह सपना पूरा हर कोई पूरा नहीं कर पाता है.खासकर मिडिल क्‍लास के लोगों  यह सपना पूरा करना एवरेस्‍ट चढ़ने जितना मुश्किल होता है.एक अरबपति ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर इसको लेकर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि आखिर क्‍यों मिडिल क्‍लास का आदमी हमेशा मिडिल क्‍लास ही रह जाता है.वह कभी अमीर नहीं बन पाता.अरबपति के इस  पोस्‍ट पर  सोशल मीडिया पर यूजर्स के बीच जंग छिड़ गई. कोई इसे बकवास बताया तो किसी को  इसमें सच्‍चाई नजर आयी. सोशल मीडिया पर बैंगलोर के रहने वाले निवेशक किरन राजपूत ने एक्‍स (ट्विटर) पर लिखा कि पिछले 50 साल में भी मिडिल क्‍लास की ख्‍वाहिश नहीं बदली. 50 साल पहले भी मिडिल क्‍लास का सपना एक घर होता था. और आज भी उसके मन में वही ख्‍वाहिश है. इसके लिए वह भारी-भरकम कर्ज लेता है और फिर उसे  कई सालों में  उसे  चुकाता करता  है.यही कारण है कि मिडिल क्‍लास  अपनी देनदारियों से आगे नहीं बढ़ पाता है.

ऐसा नहीं है कि कर्ज लेना गलत है. कई बार हमारे लिए कर्ज लेना जरूरी हो जाता है. लेकिन,बिना सोचे-समझे कर्ज लेना संकट में डाल देता है. इसको लेकर ईटी वेल्थ ने एक सर्वे से कर्ज के विभिन्न पहलुओं को जानने की कोशिश की है.सर्वे में शामिल 15 फीसदी लोगों की ईएमआई उनकी इनकम के 50 फीसदी से ज्यादा थी. इसमें देशभर से 2,042 लोगों ने हिस्सा लिया. इस सर्वे में चौंकाने वाली बात यह है कि इनकम के 50 फीसदी से ज्यादा ईएमआई वालों में 32 फीसदी सीनियर सीटीजन थे. सर्वे में यह भी पता चलता है कि हर पांच में से एक व्यक्ति ने पुराना लोन को चुकता करने के लिए एक नया लोन लिया. एक लोन को चुकाने के लिए दूसरा लोन लेना कर्ज के जाल में फंसने के  संकेत होते  हैं.चलिए अब मैं आपसे उन 11 कारणों की चर्चा करता हूं जिससे कैसे कर्ज के जाल में  मिडिल क्लास फंस रहा है

कई ईएमआई का कर रहे भुगतान

आप अगर अपनी बेवजह की जरुरतों के लिए जैसे 'डिस्काउंट' और 'सेल्स' के चक्कर में फंसकर 'ईजी ईएमआई' पर कुछ खरीदते हैं तो यह खर्च आपके फाइनेंस पर दबाव डालते हैं. इस तरह आप कर्ज के दलदल की तरफ बढ़ जाते हैं. "आए दिन किसी न किसी सेल का ऑफर देकर ग्राहकों को खरीद के लिए लुभाया जाता है. लोग ईएमआई पर उत्पाद खरीद लेते हैं. भले ही आप अलग-अलग ईएमआई बहुत बड़ी न लगें, लेकिन विभिन्न ईएमआई जोड़ने पर ये काफी ज्यादा हो जाती हैं. और आपको  दूसरी जरुरत की चीजों पर खर्च करने के लिए पैसा ही नहीं बचता है." आप अगर ऐसा कर रहे हैं तो आप कर्ज के जाल में फंस रहे हैं. आप यह जान लें कि अगर ईएमआई की रकम सैलरी के 50 फीसदी से ज्यादा है तो यह फंसने का बड़ा संकेत है.

इनकम के 70 फीसदी से ज्यादा  खर्च

ईएमआई आपके तय खर्च का एक बड़ा हिस्सा होता है.कुछ अन्य खर्च भी होते हैं, वह भी तय होते हैं. इनमें किराया, सोसाइटी मेंटिनेंस चार्ज, बच्चों की फीस इत्यादि शामिल हैं. आपका तय खर्च मासिक इनकम के 70 फीसदी से ज्यादा नहीं होने चाहिए. एक्सपर्ट कहते हैं कि 70 फीसदी का स्तर इसलिए रखा गया है क्योंकि 30 फीसदी तमाम अन्य खर्च और वित्तीय लक्ष्यों के लिए बचत के वास्ते रखना चाहिए.

नियमित खर्चों के लिए लोन

नियमित खर्चों के लिए अक्सर कई लोग उधार  लेते हैं. इस तरह के खर्चों में किराया, बच्चों की फीस इत्यादि शामिल है. एक्सपर्ट की मानें तो आप इस तरह के नियमित खर्चों के लिए उधार लेना शुरू कर दें तो जानिए कर्ज का फंदा कस रहा है." आप कर्ज के दलदल में फंसने वाले हैं. आपको इस प्रकार की आदत तुरंत बदलनी होगी.

लोन चुकाने के लिए लोन

लोन चुकाने के लिए लोन आप अगर ले रहे हैं तो यह एक और संकेत है कि आप कर्ज के दलदल  में फंस रहे हैं. लोन को अदा करने के लिए दूसरा लोन लेना सही नहीं है. अगर ब्याज घटाने के लिए ऐसा किया जा रहा है तो इसमें दिक्कत नहीं है.

क्रेडिट कार्ड से निकासी

नियमित खर्चों के लिए जहां उधार लेना गलत है. वहीं, इन्हें पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना भी गलत है.जरूरतों के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी सही नहीं है. आप कभी भी ऐसा नहीं करें.कैश निकालने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करें

नहीं कर रहे क्रेडिट कार्ड के बकाये का भुगतान

आपने क्रेडिट कार्ड से उधार ले लिया है और उसके बकाये का भुगतान नहीं कर रहे हैं तो यह एक बड़े खतरे का संकेत है. हमारे सर्वे से पता चलता है कि क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान न करना काफी आम हो गया है.सर्वे में शामिल करीब 21 फीसदी लोगों ने माना कि उनसे या तो क्रेडिट कार्ड के भुगतान में चूक हो गई या वे इसे रोलओवर करने में विफल रहे.भुगतान में चूक आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है

बिजली, पानी के बिलों का भुगतान न कर पाना

बिजली-पानी के बिलों के भुगतान में कभी-कभार चूक होना खतरे का संकेत नहीं है. लेकिन, इसमें अगर लगातार चूक हो रही है तो यह अच्छी बात नहीं है. इसका मतलब है कि कहीं न कहीं आप अपनी चादर से ज्यादा खर्च कर रहे हैं. यह भी संकेत है कि आप कर्ज के दलदल में फंसे हुए हैं.

भविष्य की इनकम के आधार पर उधारी

आप अगर  साल के अंत में मिलने वाले बोनस पर आज लोन ले रहे हैं तो  यह संकट में डाल सकता है. मौजूदा सैलरी के आधार पर उधार लेने में बुराई नहीं है. लेकिन, अपेक्षित बोनस, इंक्रीमेंट के आधार पर ऐसा करना सही नहीं है."बोनस या इंक्रीमेंट की अपेक्षा के साथ आज खर्च करना समझदारी नहीं है

बढ़ती ईएमआई के साथ लोन

कई लोग अपने भविष्य के इंक्रीमेंट को लेकर जरूरत से ज्यादा आशावान हो जाते हैं. चूंकि करियर की शुरुआत में बेस इनकम कम होती है, इसलिए इंक्रीमेंट ज्यादा लगता है. ऐसे में यह मानना कि रिटायर होने तक एक जैसा इंक्रीमेंट होगा यह सोचना गलत है. बैंक भी समय गुजरने के साथ ईएमआई बढ़ने के लोन प्रोडक्ट की पेशकश कर गलत आदत विकसित कर रहे हैं. तो यह आपकी वित्तीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है

'ईजी ईएमआई' पर खरीद रहे गैजेट

कुछ लोग शॉपिंग के बहुत शौकीन होते हैं. कई बार वे लोन पर गैर-जरूरी चीजें खरीदते हैं. 'ईजी ईएमआई' के साथ लोन की पेशकश करने वाले वित्तीय संस्थानों की इन दिनों भरमार है. लोग इनकी मदद से कंज्यूमर प्रोडक्ट खरीद लेते हैं. भले ही ये लोन 'ईजी ईएमआई' के टैग के साथ आते हैं. लेकिन, इन पर ब्याज की दरें 18-25 फीसदी के बीच होती हैं.गैर-जरूरी समान को लोन लेकर खरीदना सही नहीं है

आप कर्ज के जाल के फंसते क्यों हैं..

कर्ज में फंसने के कई कारण हैं. हम पैसे खर्ज करने के पहले समझ नहीं पाते हैं और फिर धीरे धीरे कर्ज में डूबतते जाते हैं. कर्ज में फंसने के मुख्य कारण है आय का काम होना और जरुरतों का अधिक हो जाना. इन जरुरतों को पूरा करने के लिए हम कभी EMI का इस्तेमाल करते हैं तो कभी लोन लेते हैं और ऐसे में हम समझ भी नहीं पाते और धीरे धीरे कर्ज की जाल में फंस जाते हैं. कई अप्रत्याशित खर्च भी हमें कर्ज की दलल में ढकेल देते हैं. मिडिल क्लास फैमिली ऋण के बारे में गलत फ़ैसले लेते हैं जिससे वो कर्ज की जाल में फंस जाते हैं. उच्च ब्याज़ दरें, शुल्क और दंड के साथ वित्तीय स्थिति खराब होना भी हमें कर्ज के जाल में फंसाता हैं.

कर्ज के जाल से बचने का उपाय

मालूम हो कि कर्ज़ के जाल में फंसना तब होता है, जब कोई व्यक्ति अपने मौजूदा कर्ज़ चुकाने के लिए नए कर्ज़ लेता रहता है. यह एक ऐसा चक्र है, जिसमें से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. कर्ज़ के जाल में फंसने के कई कारण हो सकते हैं. लेकिन आप इस जाल में फंसने से बच सकते हैं. यदि आपनी आय के अनुरुप अपना बजट बनाएं और उस पर टिके रहें तो आप कर्ज के दलल से दूर रह सकते हैं. गैर-ज़रूरी चीज़ों पर खर्च कम करने से भी आप कर्ज से दूर रह सकते हैं. कर्ज से बचने के लिए आप बचत के लिए पैसे अलग रखें ताकि कभी जरुरत पड़े तो आपके पास प्रयाप्त राशि हो.  अपने क्रेडिट स्कोर पर नज़र रखें, वित्तीय साधनों में पर्याप्त बचत और निवेश करें इससे भी आप कर्ज से बच सकते हैं. साथ ही परिवार की स्वास्थ्य बीमा और टर्म लाइफ़ इंश्योरेंस लेने भी आपको कर्ज के जाल से दूर रखता है। 

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