jharkhand election 2024:NDA-INDIA ब्लॉक के बीच कड़ा मुकाबला,सीट बंटवारे पर RJD ने जताई नाराजगी,BJP में भी बवाल

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए सीट बंटवारे को लेकर एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों में असंतोष के संकेत मिल रहे हैं। जहां RJD सीटों के बंटवारे से नाराज है और 12 सीटों की मांग कर रही है, वहीं भाजपा को भी अपने कुछ दिग्गज नेताओं की नाराजगी झेलनी पड़ रही

jharkhand election 2024:NDA-INDIA ब्लॉक के बीच कड़ा मुकाबला,सीट बंटवारे पर RJD ने जताई नाराजगी,BJP में भी बवाल
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024- फोटो : SOCIAL MEDIA

 jharkhand assembly election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में प्रमुख मुकाबला एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच है। एनडीए ने जहां 66 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और सीटों का बंटवारा भी हो गया है, वहीं इंडिया ब्लॉक में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद सामने आ रहे हैं। विशेष रूप से, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सीटों के बंटवारे पर नाराजगी जताई है, जिससे झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस के साथ उनके रिश्तों में खटास आ गई है।


RJD की नाराजगी: 4-5 सीटें मंजूर नहीं

इंडिया ब्लॉक में JMM और कांग्रेस ने कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जबकि शेष 11 सीटें अन्य सहयोगी दलों को दी जानी हैं, जिनमें RJD, CPI, CPM और CPI (ML) शामिल हैं। हालांकि, RJD इस सीट बंटवारे से संतुष्ट नहीं है। RJD ने 4-5 सीटों की पेशकश को खारिज कर दिया है और अपनी कम से कम 12 सीटों पर दावेदारी जताई है।


RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि पार्टी का जनाधार झारखंड में मजबूत है और 4-5 सीटों का ऑफर स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि RJD हमेशा से भाजपा का मुखर विरोधी रहा है और इस चुनाव में पार्टी कम से कम 12 सीटें चाहती है, जिसे लेकर और बातचीत की उम्मीद है।


तेजस्वी यादव की नाराजगी और राहुल गांधी से मुलाकात टली

सीट बंटवारे को लेकर RJD के नेता तेजस्वी यादव काफी नाराज हैं। शनिवार को रांची में राहुल गांधी, हेमंत सोरेन और तेजस्वी यादव सभी एक ही होटल में थे, लेकिन नाराजगी के कारण तीनों की कोई औपचारिक मुलाकात नहीं हुई। तेजस्वी यादव ने अपने नेताओं से बैठक के बाद पटना लौटने का फैसला किया, जबकि मनोज झा ने रांची में ही रुकने का निर्णय लिया, जिससे उम्मीद है कि सीट बंटवारे पर और चर्चाएं होंगी।


NDA में भी असंतोष की स्थिति

एनडीए में सीटों का बंटवारा तो बिना किसी बड़े विवाद के हो गया, लेकिन इसके बाद नाराजगी के संकेत मिलने लगे हैं। भाजपा ने इस बार लुईस मरांडी को दुमका से टिकट नहीं दिया, जिससे उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, केदार हाजरा, मेनका सरदार और आजसू के उमाकांत रजक जैसे नेताओं ने अपने टिकट कटने की आशंका से पहले ही इस्तीफा देकर JMM ज्वाइन कर लिया है।


भाजपा के भीतर असंतोष

भाजपा में भी अंदरूनी असंतोष देखने को मिल रहा है। सुनील सोरेन को दुमका से टिकट दिया गया है, लेकिन लुईस मरांडी की नाराजगी के चलते उन्हें भितरघात का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, भाजपा के कुछ और नेता भी JMM या कांग्रेस में जाने के मौके की तलाश में हैं।

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