Naxali leadership encounter - माओवादियों के ट्रेनिंग सेंटर में बिहार के लीडरशीप का हुआ अंत, मुठभेड़ में मारा गया एक करोड़ के इनामी नक्सली का बॉडीगार्ड

Naxali leadership encounter - माओवादियों के ट्रेनिंग सेंटर के लीडर को मुठभेड़ में मार गिराया गया है. इसके साथ ट्रेनिंग सेंटर में बिहार के लीडरशीप का अंत हो गया है।

Latehar - माओवादी अपने अंतिम दौर में पहुंच गए है।  लगातार उनका दायरा सिमटता जा रहा है। अब ताजा घटना में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में  पांच लाख का इनामी नक्सली मनीष यादव मारा गया है।   मनीष यादव का इतना ही परिचय काफी है कि वह एक  दशक  से बूढ़ापहाड़ सक्रिय था। वह माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर बूढ़ापहाड़ में बिहार के इलाके का अंतिम टॉप कमांडर था।

साधारण कैडर   से टॉप कमांडर मनीष यादव बिहार के गया के छकरबंधा का रहने वाला था। लातेहार के महुआटांड में सुरक्षाबलों के हाथों मुठभेड़ में मारा गया इनामी नक्सली मनीष यादव कभी एक करोड़ के इनामी देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद का बॉडीगार्ड हुआ करता था। जिस इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है, उसी इलाके में मनीष का ससुराल भी है

अरविंद की मौत के बाद बना सबजोनल कमांडर

 अरविंद के साथ एक-47 लिए हुए मनीष यादव का तस्वीर वायरल भी हुई थी। 2018 में बूढ़ापहाड़ इलाके में बीमारी से अरविंद की मौत हो गई थी अरविंद की मौत के बाद मनीष यादव बूढ़ापहाड़ इलाके में बना रहा और बाद में वह सबजोनल कमांडर बन गया. मनीष यादव बूढापहाड़ से लेकर बिहार के छकरबंधा कॉरिडोर का सबसे बड़ा कुरियर था।

50 से अधिक नक्सल हमले में मनीष यादव शामिल

मनीष यादव लातेहार पलामू, गढ़वा, चतरा, बिहार के गया और औरंगाबाद में 50 से अधिक नक्सल हमले का आरोपी है. बिहार के इलाके में मनीष यादव सक्रिय था और फिर बाद में वह बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों के दस्ते का सदस्य बन गया था. चर्चित कटिया मुठभेड़, जिसमें सीआरपीएफ जवान के पेट में बम प्लांट किया गया था और 13 जवान शहीद हुए थे. इस घटना का मनीष यादव आरोपी रहा है. 2018-19 में गढ़वा के पोलपोल नक्सल हमला हुआ था, इस हमले में छह जवान शहीद हुए थे. इस घटना का भी मुख्य आरोपी मनीष यादव रहा है.

तीन दशक तक बूढ़ापहाड़ पर बिहार के लीडरशिप का था कब्जा

मनीष यादव की मौत के  साथ ही माओवादियों के ट्रेनिंग  सेंटर से बिहार की आखिरी कड़ी टूट गई है। बूढ़ापहाड़ में तीन दशक तक बिहार की लीडरशिप हावी रही है। 2018 तक बिहार के जहानाबाद के रहने वाले देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज हुआ करता था। अरविंद की मौत के बाद आंध्र प्रदेश के रहने वाले सुधाकरण कमांडर बना था. सुधाकरण के बाद बिहार के रहने वाले मिथिलेश मेहता, विमल यादव, नवीन यादव और सौरव उर्फ मारकस बाबा बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज बना था।