Jharkhand News : झारखंड में मिला गुलियन बैरे सिंड्रोम का एक और मामला, संदिग्ध को इलाज के लिए रिम्स में कराया गया भर्ती
Jharkhand News : महाराष्ट्र के बाद अब झारखण्ड में भी गुलियन बैरे सिंड्रोम कहर बरपाने लगा है. इसी कड़ी में एक और मामला सामने आया है. जिसके बाद संदिग्ध बच्ची को इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया है...पढ़िए आगे
RANCHI : महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में भी गुलियन बैरी सिंड्रोम के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एक पांच वर्ष की बच्ची जिसका इलाज अभी रिम्स में चल रहा है, उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। वहीं अब एक और संदिग्ध के मिलने का मामला सामने आया है जिसे इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया है।
रिम्स में चल रहा है इलाज
यह मरीज कोडरमा का बताया जा रहा है। इसका ईलाज रांची के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। मरीज के पास न तो इलाज के लिए पैसे थे और न हीं आयुष्मान कार्ड था, जिसके बाद उसे रिम्स में भर्ती कराया गया। मरीज के परिजनों ने बताया कि वह आर्थिक रुप से कमजोर है। किसी प्रकार अपर मुख्य सचिव अजय कुमार से संपर्क हो पाया और उनके आदेश पर रिम्स के निदेशक डॉं. राजकुमार ने रिम्स में भर्ती कर लिया। अब उसका इलाज रिम्स में जारी है।
शिशु विभाग में कराया गया भर्ती
मरीज को शिशु विभाग में भर्ती कराया गया है और डॉ. सुनंदा झा की देखरेख में मरीज का इलाज चल रहा है। मरीज को हाई फ्लो नेजल ऑक्सीजन में रखा गया है एवं पीडियाट्रिक वेंटिलेटर की भी व्यवस्था की गई है। बालपन अस्पताल में पहले से हीं रांची निवासी एक पीड़िता का इलाज चल रहा है जिसकी हालत अभी नाजुक बनी हुई है।
तंत्रिका तंत्र को पहुंचाता है क्षति
रिम्स के न्यूरो सर्जन डॉ. विकास कुमार ने बताया कि गुलियन बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ एवं तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में शरीर की प्रणाली अपनी ही तंत्रिका कोशिकाओँ पर हमला करने लगती है और तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुंचाती है।
संक्रमण से फैलती है बीमारी
इस बीमारी के परिणामस्वरुप मांशपेशिया कमजोर और लकवाग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। यह बीमारी आमतौर पर संक्रमण से फैलती है। इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को हाथ,पैर एवं शरीर के अन्य हिस्सों में कमजोरी का अहसास होता है। विशेष परिस्थिति में सांस लेने में भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।
अभिषेक सुमन की रिपोर्ट