Beauty Tips: चेहरे की खूबसूरती बढ़ानी है? जानिए थ्रेडिंग और वैक्सिंग में क्या है फर्क

आइब्रो की शेप या अनचाहे फेशियल हेयर हटाना हो — थ्रेडिंग और वैक्सिंग दोनो ही आम और असरदार तरीके हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आपकी त्वचा के लिए इनमें से कौन बेहतर है?

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Fashion Tips :  अगर आइब्रो बहुत लंबी हो जाएं तो चेहरे की खूबसूरती खराब हो जाती है। इसलिए इसे शेप देने के लिए थ्रेडिंग और वैक्सिंग दोनों ही लोकप्रिय तरीके माने जाते हैं, लेकिन इन दोनों में से कौन सा तरीका बेहतर है? यह आपकी त्वचा के प्रकार, व्यक्तिगत आराम और पसंद पर भी निर्भर करता है। आइए दोनों की तुलना करें ताकि आप खुद तय कर सकें कि आपके लिए क्या बेहतर है?


थ्रेडिंग

थ्रेडिंग के फायदे: बेहतर और डिफाईन आईब्रो के लिए ये अच्छा विकल्प है। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के लिए बेहतर है, क्योंकि इसमें केमिकल नहीं होते। छोटे बाल भी आसानी से निकल जाते हैं।

थ्रेडिंग के नुकसान: यह थोड़ा दर्दनाक हो सकता है, खासकर पहली बार। त्वचा पर लालिमा या हल्की सूजन हो सकती है।


वैक्सिंग

वैक्सिंग के फायदे: यह जल्दी हो जाती है, कुछ सेकंड में बाल हट जाते हैं।  यह लंबे समय तक असरदार रहती है क्योंकि बाल जड़ से हट जाते हैं। डेड स्किन सेल्स भी हट जाती हैं, जिससे त्वचा चिकनी दिखती है।

वैक्सिंग के नुकसान: संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को रैशेज या जलन हो सकती है। अगर सही तकनीक से न किया जाए, तो त्वचा को नुकसान हो सकता है। इसमें सटीकता कम होती है, खासकर अगर थोड़े से बाल ही निकालने हों।



टिप :

अगर आप इसे पहली बार आजमा रहे हैं और नेचुरल शेपिंग चाहते हैं, तो थ्रेडिंग से शुरुआत करें। अगर आपको वैक्सिंग से एलर्जी नहीं है और आप जल्दी में हैं, तो वैक्सिंग भी एक अच्छा विकल्प है। तो इन तरीकों को अपनाकर आप अपनी त्वचा के हिसाब से जो भी सूट करे, उसका इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि आपकी त्वचा को भी नुकसान न पहुंचे। तो आप इनमें से कोई भी तरीका अपना सकते हैं, ताकि आपको इस काम में कोई परेशानी न आए।

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