Bihar News: इश्क ने लिखी नई एफआईआर, बेटी प्रेमी संग फरार, बोली- प्रेम अपराध नहीं, पापा केस वापस लें

Bihar News: एक युवती अपने प्रेमी संग घर से निकल गई और पिता ने अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। पर कहानी में मोड़ तब आया जब वही युवती सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी की...

Ishq wrote a new FIR daughter
इश्क ने लिखी नई एफआईआर- फोटो : reporter

Bihar News:मुजफ्फरपुर की ज़मीन इन दिनों एक ऐसे किस्से की गवाह बनी है, जिसमें कानून, समाज और रिश्तों के बीच का टकराव साफ़ झलक रहा है। सदर थाना क्षेत्र की एक युवती अपने प्रेमी संग घर से निकल गई और पिता ने अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। पर कहानी में मोड़ तब आया जब वही युवती सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर बोली “मैं अपनी मर्ज़ी से आई हूं, मेरे पति और उसके परिजनों को परेशान न किया जाए।”

विडंबना देखिए जिस पिता ने ‘अपहरण’ की पुकार लगाई, उसी की बेटी अब डिजिटल अदालत में प्रेम का बयान दे रही है। वीडियो में युवती बगल में बैठे युवक को पति बताती है, और युवक रोते हुए कैमरे में दिखाई देता है। दृश्य मानो किसी घरेलू नाटक का चरम दृश्य हो बेटी निर्भीक और पति भावुक।

इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि समाज में प्रेम अब भी ‘अपहरण’ की श्रेणी में क्यों गिना जाता है? मुजफ्फरपुर की इस युवती ने अपने पिता से साफ़ कहा है “आपने जो केस किया है, उसे वापस ले लीजिए। इसमें किसी का कोई दोष नहीं।” बेटी की इच्छा को ‘अपहरण’ का चोला पहनाकर पुलिस और अदालत तक खींच ले जाती है।

पुलिस की भूमिका भी कम दिलचस्प नहीं। थाने में दर्ज अपहरण की धाराएँ अब प्रेम और विवाह के दस्तावेज़ों से टकरा रही हैं। इधर पिता कानून का सहारा ले रहे हैं, उधर बेटी न्याय की गुहार पुलिस से ही कर रही है। यानी पुलिस खुद असमंजस में किसे अपराधी माने, उस युवक को जो रोते हुए ‘पति’ कहलाने पर भी खड़ा है, या उस पिता को जो बेटी के फैसले को मानने से इंकार कर रहा है।

विडियो वायरल होने के बाद यह मामला सिर्फ पारिवारिक विवाद नहीं रहा, बल्कि समाज के सामने आईना बन गया है। जहां एक ओर बेटी के शब्द हैं—“मैं अपने पति के साथ रहना चाहती हूं”, वहीं दूसरी ओर पिता की चुप्पी है, जिसे ‘इज़्ज़त’ और ‘समाज’ के डर ने जकड़ रखा है।

सच तो यह है कि यह घटना महज़ मुजफ्फरपुर की नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समाज की मानसिकता पर कटाक्ष है। प्रेम जब तक घर की चौखट पर है, तब तक परिवार की ‘शान’, और जैसे ही वह चौखट लांघे, बन जाता है ‘अपहरण’।

इसलिए यह कहानी कानून से ज़्यादा सोच की है। पिता ने पुलिस में केस लिखा, बेटी ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रेमकथा। और इन दोनों के बीच रोता हुआ युवक, मानो कह रहा हो “इश्क़ को गुनाहगार मत ठहराइए, यह हमारी मर्ज़ी का फैसला है।”

रिपोर्ट- मणि भूषण शर्मा