क्रूरता की हद:गर्भवती गाय का पेट फाड़कर निकाला बच्चा,सिर भी काट ले गए, बछड़े को भी काटा सनीखेज वारदात से हिल गए लोग

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में गर्भवती गाय की निर्मम हत्या की घटना सामने आई है। पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है और गृह मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं।

क्रूरता की हद:गर्भवती गाय का पेट फाड़कर निकाला बच्चा,सिर भी काट ले गए, बछड़े को भी काटा सनीखेज वारदात से हिल गए लोग
कर्नाटक गाय हत्या- फोटो : freepik

Karnataka Cow News: कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के होन्नवारा तालुक में एक गर्भवती गाय की सिर काटकर हत्या करने की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। गाय पर इस तरह के हमले पहले भी हो चुके हैं, जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है और गृह मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं।

घटना का विवरण

पुलिस के अनुसार, बदमाशों ने सालकोडू गांव के कोंडाकुली इलाके में एक गर्भवती गाय का सिर धड़ से अलग कर उसके पैर काट दिए और बछड़े के अवशेष को क्षत-विक्षत कर दिया। गाय का मालिक कृष्ण अचारी, जो गाय को चरने के लिए छोड़ गए थे, ने यह दृश्य देखकर पुलिस को सूचित किया।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

पुलिस अधीक्षक एम नारायण ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में 10 संदिग्धों की पहचान की गई है, जिनमें से पांच को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। छह विशेष टीमें बनाई गई हैं, जो मुख्य आरोपितों की तलाश में जुटी हैं। पुलिस ने पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और जांच के आदेश

गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा और हिंदू संगठनों ने इन घटनाओं पर कड़ी चिंता व्यक्त की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असफल हो रही है।

राज्य में पशु क्रूरता की बढ़ती घटनाएं

यह घटना कोई पहली नहीं है। इससे पहले बेंगलुरू के चमराजपेट और मैसूरु के नंजनगुड में भी गायों के साथ क्रूरता की घटनाएं सामने आई थीं। इन घटनाओं के आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन पशु क्रूरता की बढ़ती घटनाओं ने राज्य में सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया है।

 कर्नाटक में कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल

कर्नाटक में गायों पर हो रहे हमलों ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस तरह की घटनाओं से न केवल सामाजिक तनाव बढ़ रहा है, बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली पर भी उंगली उठ रही है। पुलिस और प्रशासन को इन घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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