Expressway News: एक्सप्रेसवे व हाइवे को लेकर जमीन देने वाले किसानों को लगेगा बड़ा झटका या फिर होगा फायदा, मंत्रालय की नई नीति तैयार!
भारत में हाईवे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है। सरकार किसानों की अधिग्रहित जमीन की वापसी के लिए नई नीति पर विचार कर रही है, जिससे गैर-उपयोगी जमीन को पुनः किसानों को लौटाया जा सके।
India highway: भारत में हाईवे और एक्सप्रेसवे का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है, जिससे देश के एक कोने से दूसरे कोने तक सड़क मार्ग से यात्रा करना सुगम हो गया है। कुल 1,46,145 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे का जाल देशभर में बिछ चुका है। यह न केवल परिवहन को तेज बनाता है, बल्कि आर्थिक विकास में भी योगदान देता है।
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और समस्याएं
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एक्सप्रेसवे और हाईवे निर्माण के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित करता है और उन्हें मुआवजा देता है। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि परियोजना के अलाइनमेंट में बदलाव की वजह से अधिग्रहित जमीन बिना उपयोग के रह जाती है। इस स्थिति में किसानों को मुआवजा नहीं मिलता और जमीन सरकार के पास बेकार पड़ी रहती है।
नई भूमि वापसी नीति
सरकार इस समस्या को हल करने के लिए एक नई नीति तैयार कर रही है, जिसमें उन जमीनों को वापस करने की योजना है जो अधिग्रहण के बाद भी उपयोग में नहीं लाई गई हैं। इस नीति के अनुसार, यदि किसी अधिग्रहित जमीन पर कोई निर्माण नहीं हुआ है और भविष्य में भी इसकी योजना नहीं है, तो वह जमीन किसानों को लौटा दी जाएगी। मंत्रालय इस नीति पर विचार कर रहा है और जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है।
निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे परियोजनाएं
भारत में कई महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं। इनमें दिल्ली-मुंबई (1386 किमी), अहमदाबाद-धोलेरा (109 किमी), बेंगलुरू-चेन्नई (262 किमी), लखनऊ-कानपुर (63 किमी), और दिल्ली-अमृतसर-कटरा (669 किमी) एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इनमें से दिल्ली-मुंबई, अहमदाबाद-धोलेरा, और बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे इस साल तैयार हो जाएंगे, जबकि लखनऊ-कानपुर और दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है। इन सभी एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 2489 किलोमीटर है।
भूमि वापसी नीति का संभावित प्रभाव
इस नीति से किसानों को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि उनके पास अपनी जमीन वापस पाने का अवसर होगा जिसे सरकार द्वारा अधिग्रहित किया गया था, लेकिन जिसका उपयोग नहीं हो पाया। इससे न केवल किसानों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में भी पारदर्शिता आएगी।
भारत में हाईवे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार
भारत में हाईवे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क के विस्तार से देशभर में आवागमन सुगम हो रहा है। सरकार द्वारा भूमि वापसी की नई नीति लागू करने से किसानों को उनकी बेकार पड़ी जमीन वापस मिलने की संभावना है, जो कृषि और ग्रामीण विकास में सहायक होगी।