Bihar Congress Ticket: बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का दांव, टिकट बंटवारे से पहले ही दावेदारों की ‘स्क्रीनिंग’ शुरू, होगी आमने-सामने पूछताछ
Bihar Congress Ticket:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की हलचल तेज़ हो चुकी है और महागठबंधन में सीट बंटवारे से पहले ही कांग्रेस ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं।

Bihar Congress Ticket:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की हलचल तेज हो चुकी है और महागठबंधन में सीट बंटवारे से पहले ही कांग्रेस ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। इस बार पार्टी ने रणनीतिक अंदाज़ अपनाते हुए टिकट के संभावित दावेदारों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
कांग्रेस ने राज्य की सभी सीटों से इच्छुक उम्मीदवारों के आवेदन पहले ही मंगा लिए थे। अब स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन 13 और 14 अगस्त को पटना में रहकर दावेदारों से आमने-सामने मुलाक़ात करेंगे। इस प्रक्रिया का केंद्र होगा पटना का ऐतिहासिक सदाकत आश्रम, जहां दो दिनों तक राजनीतिक गहमागहमी चरम पर रहने वाली है।
स्क्रीनिंग कमेटी केवल आवेदन देखने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पार्टी के पर्यवेक्षकों और वरिष्ठ पदाधिकारियों की राय लेकर उम्मीदवार चयन पर गहन विचार-विमर्श करेगी। माकन की टीम यह सुनिश्चित करना चाहती है कि टिकट पाने वाले प्रत्याशी न केवल चुनाव जीतने की क्षमता रखते हों, बल्कि मैदान में उतरते ही आक्रामक प्रचार शुरू कर सकें।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महागठबंधन (आरजेडी और वाम दलों के साथ) के तहत 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन इस बार इंडिया गठबंधन में पार्टियों की संख्या बढ़ने से कांग्रेस के खाते में सीटें घटने की संभावना है। फिर भी पार्टी स्पष्ट कर चुकी है कि वह 50–55 सीटों से कम पर समझौते के मूड में नहीं है।
संभावित सीटों पर पहले ही प्रत्याशियों का चयन कर लेना कांग्रेस की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है। इससे उम्मीदवारों को अपने क्षेत्र में समय रहते सक्रिय होने और जनता के बीच पैठ बनाने का मौका मिलेगा।
स्क्रीनिंग कमेटी में अजय माकन के साथ परिणीति शिंदे, इमरान प्रतापगढ़ी और कुणाल चौधरी सदस्य हैं। पदेन सदस्यों में कृष्णा अल्लावरु, राजेश राम, शकील अहमद खान, मदन मोहन झा, देवेंद्र यादव, शाहनवाज़ और सुशील पासी शामिल हैं।
राजनीतिक गलियारों में इसे कांग्रेस की ‘अग्रिम चुनावी चाल’ माना जा रहा है। टिकट को लेकर महागठबंधन में अंतिम सहमति बनने में भले वक्त लगे, लेकिन कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि उसके पास न केवल तैयार उम्मीदवार हैं, बल्कि चुनावी मैदान में उतरने के लिए जमीन-स्तर पर जमी हुई रणनीति भी मौजूद है।अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि स्क्रीनिंग के बाद कौन-कौन से चेहरे कांग्रेस के प्रत्याशी बनकर बिहार की सियासी जंग में कूदेंगे और कौन किनारे लगा दिए जाएंगे।