भिखारी ने बैंक में जमा किया पैसा! हुलिया देख चौंक गए लोग, देखें वायरल वीडियो
इंस्टाग्राम यूजर @gautam_star16 ने एक भिखारी का रूप धारण कर बैंक में जाकर यह दिखाने का प्रयास किया है कि लोग किस तरह से किसी की आर्थिक स्थिति और बाहरी लिबास के आधार पर उसे जज करते हैं।
Viral video News: यह कहावत सही मायने में हमें सिखाती है कि किसी व्यक्ति का मूल्य उसके बाहरी दिखावे से नहीं आंका जा सकता। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें यह बात सटीक रूप से देखने को मिलती है। वीडियो में एक व्यक्ति, जो भिखारी के वेश में बैंक पहुंचता है, असल में एक कंटेंट क्रिएटर है। वह फटे-पुराने कपड़े पहने हुए और एक साधारण झोला लिए बैंक आता है। उसकी गरीबी जैसी हालत देखकर बैंक में मौजूद लोग उसे अपमानित करने लगते हैं और उसे खुद से दूर भगाने की कोशिश करते हैं। लोग उसकी उपेक्षा करते हैं और उसे जज करते हैं सिर्फ उसके कपड़ों और उसकी स्थिति के आधार पर।
पर जैसे ही वह व्यक्ति अपने झोले में से पैसों की गड्डी निकालता है, वहां मौजूद सभी लोग चौंक जाते हैं। उन्हें अपनी गलती का एहसास होता है कि उन्होंने एक व्यक्ति को केवल उसकी बाहरी हालत देखकर ही कमतर समझ लिया था। यह वीडियो हमें सिखाता है कि किसी की वास्तविकता केवल उसके कपड़ों, बाहरी दिखावे या आर्थिक स्थिति से नहीं जानी जा सकती। किसी की गरिमा और उसके साथ सम्मान का व्यवहार उसकी आर्थिक स्थिति पर आधारित नहीं होना चाहिए।
इंस्टाग्राम यूजर ने पोस्ट किया वीडियो
इंस्टाग्राम यूजर @gautam_star16 ने एक भिखारी का रूप धारण कर बैंक में जाकर यह दिखाने का प्रयास किया है कि लोग किस तरह से किसी की आर्थिक स्थिति और बाहरी लिबास के आधार पर उसे जज करते हैं। जब वह व्यक्ति पुराने कपड़ों में, एक झोला लेकर बैंक में प्रवेश करता है, तो लोग उसे देखकर उससे दूरी बनाने लगते हैं और उसका अपमान भी करते हैं। लेकिन जैसे ही वह अपने झोले से पैसे निकालता है और बैंक में जमा करने के लिए आगे बढ़ता है, तो लोगों के चेहरे पर आश्चर्य और हैरानी नजर आने लगती है।
वीडियो देती है जरूरी मैसेज
यह वीडियो एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि बाहरी रूप-रंग और वस्त्र किसी व्यक्ति के वास्तविक मूल्य को परिभाषित नहीं करते हैं। हमें किसी भी व्यक्ति का आकलन केवल उसके बाहरी दिखावे से नहीं करना चाहिए। इस वीडियो के माध्यम से कंटेंट क्रिएटर ने यह दिखाया कि हम सभी को दूसरों का सम्मान उनके कपड़े, आर्थिक स्थिति, या बाहरी रूप से नहीं बल्कि उनके व्यक्तित्व और गुणों के आधार पर करना चाहिए।