बांग्लादेश में भीषण हिंसा के बीच जान लौटा मेडिकल का छात्र, बताई आपबीती, जानकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

बांग्लादेश में भीषण हिंसा के बीच जान लौटा मेडिकल का छात्र, बताई आपबीती, जानकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

मोतिहारी- बंग्लादेश में हिंसा और बिहार में राजनीत के बीच बांग्लादेश में फंसे छात्र को पूछने वाला कोई है। मेडिकल की पढ़ाई करने गए छात्र हिंसा के बाद किसी तरह से अपनी जान बचा कर घर वापस आ रहे है। हिंसा और राजनीति के बीच मेडिकल की पढ़ाई करने गए मोतिहारी का एक छात्र अपने घर वापस लौटा है।

बंग्लादेश से लौटा छात्र शहर के खुदा नगर के रहने वाले मो.नसीम अंसारी का पुत्र आसिफ अम्मान है।वह बंग्लादेश के सिलहट स्थित जलालाबाद रागिब राबया मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एमबीबीएस फाइनल इयर का छात्र है। वह बंग्लादेश से भारत के लगभग साठ छात्रों के साथ किसी तरह निकला और अपने घर पहुंचा।

छात्र ने बंग्लादेश के हालात के बारे में बताते हुए कहा कि जुलाई महीने में शुरु हुआ छात्र आंदोलन अगस्त महीनें में हिंसक हो गया। जिस कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा और भारत में शरण लेना पड़ा।शेख हसीना के भारत में शरण लेने के कारण वहां एंटी इंडिया सेंटिंमेंट काफी बढ़ गया है।

बंग्लादेश से लौटे आसिफ अम्मान ने वहां शुरु हुए आंदोलन और भारत लौटने के बारे में बताया कि शुरुआत में दो तीन दिन वहां नॉर्मल प्रोटेट चल रहा था। लेकिन बाद में अचानक बहुत ज्यादा गोलीबारी, हवाई फायरिंग, टिअर गैसेज और रबर बुलेट चलने लगे। यह सब देखकर हॉस्टल एरिया में हमलोग जितने भी स्टूडेंट थे, काफी दहशत में आ गए।

छात्र ने बताया कि फिर हमलोगों ने वहां से निकलने का निर्णय लिया और एम्बेसी से सम्पर्क किया। एम्बेसी से सांत्वना दिया कि घबराने की कोई बात नहीं है।आपलोगों को सुबह नौ बजे बड़ा बस मैनेज करके भेजेंगे और सुरक्षा को लेकर आगे पीछे एस्कॉट करके बॉर्डर तक पहुंचा दिया जाएगा।लेकिन अगली सुबह स्थिति ज्यादा खराब होने के कारण एम्बेसी ने निकलने से मना कर दिया। बाद में हमलोगों ने खुद किसी तरह भारत पहुंचे।

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार


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