नालंदा में डॉक्टरों की हड़ताल की भेंट चढ़ा तीन साल का मासूम, बीमार बच्चे को लेकर भटकता रहा, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने से टूट गई सांसें

नालंदा में डॉक्टरों की हड़ताल की भेंट चढ़ा तीन साल का मासूम, बीमार बच्चे को लेकर भटकता रहा, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने से टूट गई सांसें

BIHAR SHARIF : कोलकात्ता रेप-मर्डर केस को लेकर आज देश भर के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ द्वारा काम बंद कर दिया गया है। जिसके कारण पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। अब डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सही समय पर इलाज नहीं मिलने से तीन साल के बच्चे की मौत हो गई है। 

मामला नालंदा जिले के एक मात्र ISO प्रमाणित सदर अस्पताल बिहारशरीफ का है। बताया गया कि नालंदा थाना क्षेत्र के बिदुपुर गांव निवासी सोनू भारती का 3 वर्षीय पुत्र टुगू कुमार खेलने के दौरान पास के छठ घाट के तालाब में डूब गया. जब परिजनों ने खोजबीन शुरू की तो वह पानी में डूबा मिला। जिसके बाद परिजन इलाज के लिए टुगू को निजी क्लीनिक ले गए, जहां मासूम की नाजुक हालात को देखते हुए सदर अस्पताल बिहारशरीफ लेकर आए।

यहां कोलकात्ता कांड के कारण सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू थी। लेकिन यहां भी ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर पोस्ट मार्टम के लिए गए थे। जिसके कारण इलाज में देरी होने लगी। उसके बाद गार्ड के सहयोग से इमरजेंसी में भर्ती कर ANM और प्रशिक्षु ने इलाज शुरू किया। 20 से 25 मिनट तक बच्चे का इलाज किया गया, फिर उसे मृत घोषित कर दिया गया

विडंबना यह रही कि बालक की मौत के बाद शव को बाइक से ले जाया गया और सभी लोग तमाशबीन बने रहे। वहीं, इस संबंध में नालंदा सीएस डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मैं मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से अभी लौटा हूं, और मुझे इस घटना की जानकारी नहीं है.


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