Bihar Land Survey: भूमि सर्वेक्षण पर CM नीतीश का बड़ा आदेश,कैथी लिपि से निपटने का नया प्लान,जमीन मालिकों को राहत
पटनाः बिहार में 20 अगस्त से जमीन सर्वे का काम जारी है. लेकिन, जमीन सर्वे में कैथी लिपि में लिखे गये दस्तावेज से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. बिहार भूमि सर्वे में लगे अधिकतर कर्मचारियों को कैथी लिपि की जानकारी नहीं है.आजादी से पहले 1910 में अंग्रेजों के शासनकाल में जमीन का सर्वेक्षण हुआ था. उसे समय जो खतियान या दस्तावेज बना था वह कैथी लिपि में बनाया गया था. पुराने जो भी दस्तावेज या जमीन से जुड़े हुए खतियान कागजात हैं वो कैथी लिपि में लिखी हुई है. उस लिपि को जानने वाले लोगों को नहीं मिल रहे हैं. यही कारण है कि दस्तावेज में क्या लिखा हुआ है, यह जानकारी पाने के लिए लोग भटक रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक 1980 से पहले के जमीन के खतियान और बंटवारे के दस्तावेज कैथी लिपि में लिखे गए हैं. नवनियुक्त अमीन और कानूनगो को इस लिपि की जानकारी हीं नहीं है.
दस्तावेज कैथी लिपि में है और देवनागरी में अनुवाद करने वाला नहीं मिल रहा है. पहले अनुवाद के लिए प्रति पेज 500 रु मांगते थे, लेकिन अब एक खतियान के अनुवाद के 15 से 20 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं.
सरकार ने इसका हल निकाल लिया है.भू राजस्व विभाग ने दो प्रशिक्षकों को नियुक्त किया है. तीन दिन अमीनों को कैथी लिपी की लेखनी को समझने की ट्रेनिंग देंगे.
राजस्व और भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण अधिकारियों के सामने ऐसी समस्याओं के बारे में जानकारी मिली है. जिसके लिए हर जिले में क्षेत्रीय अधिकारियों को कैथी लिपी समझने की ट्रेनिंग देने के लिए दो प्रशिक्षकों को नियुक्त किया है. जो कैथी लिपि की लेखनी समझने में माहिर हैं। प्रशिक्षक रोटेशन के आधार पर हर जिले में जाएंगे और ट्रेनिंग देंगे जो तीन दिनों तक चलेगी.
जिन लोगों के पास जमीन के पुराने दस्तावेज हैं, उन सभी का कैथी लिपि में हैं और वे इस लिपि को पढ़ना नहीं जानते. ऐसे में जमीन सर्वे के काम में आ रही बाधा को सरकार ने दूर करल लिया है.