फर्जीवाड़े के आरोप में घिरे भाजपा बिहार अध्यक्ष सम्राट चौधरी ! जदयू ने खोला राज, नीरज का जोरदार हमला

पटना. भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया गया है. यह आरोप उनके नाम और शैक्षणिक प्रमाणप्रत्रों को लेकर है. इसमें उनके सर्टिफिकेट में दर्ज उम्र सहित नाम के घालमेल का कथित आरोप जदयू की ओर से लगाया गया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने सम्राट चौधरी के चुनावी हलफनामे को आधार बनाकर उनके नाम और सर्टिफिकेट के इस कथित फर्जीवाड़े पर सवाल उठाया है.
नीरज कुमार ने मंगलवार को सम्राट चौधरी को लेकर कहा कि उनके नाम, उम्र और शैक्षिण प्रमाणपत्रों में कई प्रकार की भिन्नता दिखती है. इसे लेकर नीरज ने दावा करते हुए कहा कि बीजेपी के बयानवीर प्रदेश अध्यक्ष आपका नाम मैट्रिक में सम्राट चौधरी मौर्य बताते हैं. लेकिन वही सम्राट फिर से 2005 में राकेश कुमार हो जाते हैं. 2010 में सम्राट चौधरी उर्फ राकेश कुमार का नाम हो जाता है. 2020 में सम्राट चौधरी हो जाते हैं. इन सबमें उनके पिता - शकुनि चौधरी ही रहते हैं. ऐसे में सम्राट चौधरी बताएं कि कौन सा सही है?
जदयू प्रवक्ता नीरज ने इसी तरह सम्राट चौधरी के उम्र को लेकर भी सवाल दागे हैं. उन्होंने कहा कि खुद को सबसे बड़ा ज्ञानी समझने वाले बीजेपी नेता ने अपनी उम्र को लेकर संविधान की भी धज्जियां उड़ा दीं। 2005 में 26 वर्ष, 2010 में 28 वर्ष, 2020 में 51 वर्ष है. गजब है इनकी राजनीति। नीरज ने सम्राट चौधरी की शिक्षा और उनके विश्विद्यालय को लेकर भी सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि अमरीकी सरकार के अनुसार अमरीका में कैलिफ़ोर्निया नाम से सिर्फ़ दो यूनिवर्सिटी है। कैलिफ़ोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ओफ़ कैलिफ़ोर्निया। लेकिन, सम्राट चौधरी ने एक अन्य कैलिफ़ोर्निया नाम से जुड़े युनिवर्सिटी से खुद को पीएचडी की उपाधि मिलने की बात कही है जो फर्जी है.
नीरज ने आरोप लगाया कि सम्राट चौधरी ने हर चीज में फर्जीवाड़ा कर रखा है. एक ओर वह वर्ष 2010 में खुद को 28 साल का बताते हैं और फिर 10 साल बाद यानी 2020 में सम्राट की उम्र 51 साल बताई जाती है. उन्होंने इसी तरह उनके नाम और सर्टिफिकेट में भिन्नता को लेकर भी आरोप लगाया है.