राबड़ी देवी के शासन में वित्त मंत्री रहे ददन पहलवान को मिली दो साल की सजा, इस मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
 
                    BUXER : कभी लालू प्रसाद, कभी नीतीश कुमार और कभी मुलायम सिंह यादव के साथ, वहीं कभी अकेले ही अपनी राजनीति पारी खेल चुके बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ददन पहलवान फिर चर्चा में हैं। इस बार चर्चा का कारण उनका कोई राजनीतिक कदम नहीं, बल्कि कोर्ट का दिया गया फैसला है। 17 साल पुराने मारपीट के एक मामले में ददन पहलवान सहित दस लोगों को दो साल सुनाई गई है। यह सजा बक्सर के विशेष न्यायालय (एमपी/ एमएलए) ने सुनाई है।इसके साथ ही पांच पांच हजार का अर्थदंड लगाया है। हालांकि सजा तीन वर्षों से कम होने के कारण कोर्ट ने लगे हाथ सभी को जमानत भी दे दिया है।
मामला डुमरांव थाना कांड संख्या 192/2005 से जुड़ा है। बताते चले कि डुमरांव के तत्कालीन विधायक ददन पहलवान एवं करीब 12 लोगों के खिलाफ मारपीट एवं लूटपाट की प्राथमिकी राजद नेता रामजी सिंह यादव ने दर्ज कराई थी। जहां सुनवाई में न्यायालय ने सभी संगीन धाराओं को खारिज करते हुए आईपीसी की धारा 147 और 148के तहत ही फैसला सुनाया है।
ददन पहलवान सहित इनको मिली सजा
आरोपियों में ददन सिंह यादव उर्फ ददन पहलवान, मदन सिंह यादव ,मनोज यादव ,सुबोध यादव, रामबचन यादव, भीम यादव ,भुवर यादव, लक्ष्मण तुरहा, खुशी चंद्र सिंह, एवं अख्तर हुसैन को धाराओं के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी और दोषी ठहराते हुए आईपीसी की धारा 147,148 के तहत दोषियों में से प्रत्येक को 1 साल के कठोर कारावास और रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही आईपीसी की धारा 147 के तहत दंडनीय अपराध के लिए। जुर्माना अदा नही करने पर प्रत्येक दोषी को 1 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।
सजा सुनाते हुए कोर्ट ने यह कहा
ददन पहलवान के खिलाफ सजा का फैसला अपर लोक अभियोजक सत्य प्रकाश सिंह ने दिया है। उन्होंने बताया कि विशेष न्यायालय एमपी एमएलए, सजा सुनाने के क्रम में यह बात कहा है कि चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है। ऐसे में अभियुक्तों द्वारा चुनाव को लेकर दबंगई दिखाने के लिए रामजी सिंह यादव के साथ मारपीट की गई,जो लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। इस सजा से पूर्व विधायक ददन पहलवान समेत इन दोषियों की मुश्किलें बढ़ सकती है। हालांकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता रामानंद मिश्रा उर्फ टुनटुन मिश्रा ने बताया कि इस फैसले के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में ददन पहलवान अपील करेंगे।
पार्टियां बदलते रहे ददन पहलवान
ददन पहलवान तीन बार डुमरांव से विधायक रहे हैं। ददन पहलवान बक्सर के डुमरांव से 22 साल पहले पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे। इसके बाद सीधे राबड़ी मंत्रिमंडल में वित्त और वाणिज्य कर राज्य मंत्री बने थे। सियासी करियर के शुरुआती दिनों में लालू परिवार के करीबी रहे। हालांकि उनकी राजनीतिक नीयत बदलती रही। 2005 में ददन पहलवान समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव जीते। फिर अखिल जन विकास दल से विधानसभा पहुंचे। 2015 में उन्होंने चुनाव जीतने के लिए जेडीयू को चुना। हालांकि 2020 में जेडीयू ने उनका टिकट काट दिया। वे निर्दलीय चुनाव लड़े और पांचवें नंबर पर रहे।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                     
                     
                     
                    