जमीन का गलत म्यूटेशन सही करने के लिए डीसीएलआर ने की डेढ़ लाख की डिमांड, निगरानी ने पैसे के साथ रंगे हाथ पकड़ा, भूमि संबंधी कई दस्तावेज बरामद

बिहार में तेजी से चल रहे भूमि सर्वेक्षण के बीच, सीवान के महाराजगंज से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां के भूमि उप समाहर्ता (DCLR) राम रंजन सिंह और चपरासी संतोष दोनों को पटना निगरानी टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया। ये। निगरानी टीम ने महाराजगंज के नई बस्ती स्थित राम रंजन सिंह के किराए के आवास पर छापेमारी की। मंगलवार की रात करीब 10.30 बजे तक डीसीएलआर ले आवास और कार्यालय पर छापेमारी चलती रही। इस छापेमारी के दौरान, उनके क्लर्क के पास से 20 हजार रुपए बरामद किए गए, साथ ही भूमि संबंधी कई दस्तावेज भी बरामद हुए।
जानकारी के अनुसार बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत सूर्यपुरा निवासी सुबोध कुमार ने निगरानी विभाग में घुस मांगने को लेकर शिकायत किया था। सुबोध कुमार ने बताया कि उनके जमीन का गलत म्यूटेशन कर दिया गया है। उस जमीन में एक व्यक्ति ने जबरन कब्जा किया है। उसे सही करने के लिए डीसीएलआर पैसे की मांग कर रहे थे। डीसीएलआर ने 1.5 लाख रुपया की मांग किया था।
जिसके बाद सुबोध कुमार ने इसकी शिकायत विशेष निगरानी इकाई से किया था। शिकायत के बाद मंगलवार की रात विशेष निगरानी की टीम ने छापेमारी किया और डीसीएलआर ऑफिस के क्लर्क को 20 हजार रूपया लेते हुए पकड़ लिया है। फिलहाल क्लर्क और डीसीएलआर से पूछताछ की जा रही है। वहीं उनके आवास और कार्यालय पर छापेमारी जारी है।
घटना भूमि रिकॉर्ड के संबंध में चल रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है, भले ही राज्य सरकार भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए कदम उठा रही है। निगरानी विभाग के डिप्टी एसपी सुधीर कुमार इस अभियान की अगुवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'भूमि उप समाहर्ता के आवास से उनके क्लर्क के हाथ से रुपए बरामद किए गए हैं। अभी इसकी पूछताछ की जा रही है। जांच पूर्ण हो जाने के बाद ही कुछ भी कहा जा सकेगा
सीवान से Tabish irshad की रिपोर्ट